भारत एक कृषि प्रधान देश होने के साथ-साथ पशुपालन का भी प्रमुख केंद्र है। लाखों लोग पशुपालन के विभिन्न रूपों जैसे मुर्गी पालन, बकरी पालन और गाय पालन से जुड़े हुए हैं। इनमें से बकरी पालन एक ऐसा क्षेत्र है जो किसान भाइयों को अच्छी कमाई का अवसर प्रदान करता है।
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एंग्लो न्युबियन बकरी का पालन
एंग्लो न्युबियन बकरी पालन की सबसे बड़ी खूबी इसकी कम लागत वाली देखभाल है। इन बकरियों को पालने में अधिक मेहनत या पैसों की जरूरत नहीं पड़ती। इसके अलावा, बाजार में इन बकरियों की काफी मांग रहती है, जिससे किसान अच्छी कमाई कर सकते हैं।
एंग्लो न्युबियन की पहचान
एंग्लो न्युबियन बकरी की सबसे खास पहचान उसका सिर है, जिसमें एक उभरा हुआ “रोमन” नाक और लंबे लटकते कान होते हैं। बकरी का शरीर लंबा और गहरा होता है और उसका स्टांस सीधा होता है। इसके छोटे रेशमी कोट में रंगों की विविधता इस नस्ल की आकर्षण में इजाफा करती है।
बीजीएस द्वारा मान्यित दुग्ध परीक्षण में शामिल सभी एंग्लो न्युबियन बकरियों (467 प्रदर्शन) के डेटा पर विचार करते हुए, हाल के एक वर्ष में, औसतन 24 घंटे की उपज 3.89 किलोग्राम 4.84% वसा और 3.51% प्रोटीन पर प्राप्त की गई। यह दूध दही और पनीर बनाने के लिए आदर्श है।
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यह नस्ल मांस उत्पादन के लिए भी उपयुक्त है, दोनों अपने आप और अन्य नस्लों के साथ पार करने पर। यह गर्म जलवायु के लिए अच्छी तरह से अनुकूल है और इसके परिणामस्वरूप दूध और मांस दोनों उत्पादन बढ़ाने के लिए निर्यात मांग में वृद्धि हुई है।