हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार पर और उनके नियमो पर सवाल उठाया है। मुख्यमंत्री द्वारा जाँच एजेंसी का सदुपयोग करने पर सरकार पर इलज़ाम भी लगाया गया है।
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को मुख्यमंत्री के पद से आज इस्तीफा देना पड़ा। सरकार को चार साल तक चलाने के बाद जमीन घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में घिरे हेमंत सोरेन ने आज इस्तीफा दे दिया और राज्यपाल द्वारा इस इस्तीफे को स्वीकार भी किया गया है।
इस्तीफे की खबर के दौरान जेएमएम (झारखंड मुक्ति मोर्चा) और कांग्रेस के सभी विधायक राजभवन पहुंचे। हेमत सोरेन गिरफ्तारी से पहले राजभवन पहुंचे थे। और गिरफ्तारी से पहले हेमंत सोरेन ने राजभवन में राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन से मुलाकात भी की थी।
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अनुमान लगाया जा रहा था कि हेमंत सोरेन के बाद झारखंड के मुख्यमंत्री के पद पर उनकी पत्नी कल्पना को बैठाया जा सकता है, लेकिन सूत्रों के मुताबिक यह पता चला है कि गठबंधन में जेएमएम, कांग्रेस और आरजेडी के विधायक दल की बैठक में चंपई सोरेन को नेता बनाने का फैसला लिया गया है और उनको झारखंड के मुख्यमंत्री के रूप में चुना गया है।
इस गिरफ्तारी को चुनावी रंग में भी घोला जा रहा है। कुछ लोगों का कहना है कि बीजेपी ने यह सब किया है और अगला चुनाव वो जीते इसके लिए वो यह सब करने लगी है। बता दे कि हेमंत सोरेन की गिरफ्तार के बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस प्रमुख, ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार पर हमला करते हुए बोला की यह सब बीजेपी का किया हुआ है और चुनाव जीतने के लिए भाजपा सभी को जेल में डाल रही है और सबको जेल में डालने के लिए सरकार जांच एजेंसी का गलत तरीके से उपयोग (सदुपयोग) कर रही है।
उनका कहना है कि अगर उनको भी इन सबके चलते जेल में दाल दिया जायेगा तो वह जेल से बाहर आ जाएँगी। केंद्र सरकार के ऊपर और जाँच एजेंसी पर तंज कस्ते हुए बंगाल की मुख्यमंत्री , ममता बनर्जी ने कहा - "चुनाव जीतने के लिए सभी को जेल में डाल रहे हैं यह लोग। इनके मुताबिक हम सब चोर हैं और यह सब साधू संत हैं? मुझे जेल में डाल दिया जाये तो मैं वहां से छेद कर के बाहर निकल आऊंगी। आज क्षमता है तो एजेंसी लेकर घूम रहे है वो लोग, कल नहीं रहेगी तो सूट भी गायब हो जाएगा।"