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International Womens Day Special 2024 : आज दुनिया मानती है जिनके नाम का लोहा, जिन्होंने जीवन के संघर्षों से कभी नहीं मानी हार भारत की महिला खिलाड़ी,

आज दुनिया मानती है जिनके नाम का लोहा

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महिलाओं का दबदबा खेल जगत में भी बढ़ा है. भारतीय खेल के इतिहास में कई ऐसी महिलाएं युवाओं के लिए प्रेरणा बनी हैं, जिन्‍होंने तमाम परिस्थितियों के बावजूद देश का परचम दुनियाभर में फैलाया है. उनकी रैंकिंग भी दुनिया की टॉप खिलाड़ियों में शामिल हो गई है.अंतरराष्‍ट्रीय महिला दिवस' पर जानते हैं देश की नामी महिला खेलाड़ियों के संघर्षपूर्ण उपलब्धियों के बारे में.

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हिमा दास

असम के नागौड जिले की एथलीट हिमा दास (Hima Das) को आज कौन नहीं जानता. छोटे कद की इस भारतीय महिला धाविका ने दुनियाभर को चौंका दिया था. महज 20 साल की उम्र में उन्‍होंने वह कर दिखाया जो किसी पुरुष खिलाड़ी के लिए भी आसान नहीं था. बता दें कि हिमा दास के परिवार में 17 लोग थे जो धान की खेती पर आश्रित थे गरीबी किसी के हुनर को नहीं छीन सकती. हिमा पहली भारतीय महिला एथलीट हैं, जिन्होंने 5 गोल्ड मेडल जीते और आईएएएफ विश्व अंडर 20 चैंपियनशिप में 51.46 सेकंड में यह उपलब्धि हासिल की। 

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मैरी कॉम

भारतीय महिला खिलाडि़यों में मैरी कॉम (MC Mary Kom) का नाम कई उपलब्धियों से भरा है. खिलाड़ी ही नहीं, वो महिलाओं के लिए भी एक प्रेरणा श्रोत हैं. महान भारतीय खिलाड़ी मेरी कॉम ने महान उपलब्धियों से भारत का नाम दुनिया भर में रोशन किया है. मैरी कॉम एक अकेली भारतीय महिला बॉक्सर हैं जो 6 बार वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप जीत चुकी है. तीन बच्‍चों की मां रहते हुए भी उन्‍होंने अपना सर्वोच्‍च प्रदर्शन किया.

झूलन गोस्वामी

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विश्‍व महिला क्रिकेट में झूलन गोस्वामी (Jhulan Goswami) की उप‍लब्धियां कम नहीं हैं. उनकी उपलब्धियों के बारे में बात करें तो अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 2000 से ज्यादा ओवर लेने वाली दुनिया की इकलौती गेंदबाज हैं. . बता दें कि उन्होंने कुल 333 अंतरराष्ट्रीय विकेट लिए हैं.

जमुना बोरो

भारतीय मुक्‍केबाज जमुना बोरो (Jamuna Boro) असम के छोटे से कस्बे ढेकियाजुली के पास बेलसिरी गाँव से ताल्‍लुख रखने वाली बचपन में ही बोरो के के पिता का निधन हो गया और उन बच्चों के पालन पोषण के लिए अकेली मां खेती और चाय व सब्जियां बेचा करती थीं. छोटी जमुना बचपन में ही मुक्‍केबाज बनना चाहती थी आज जमुना बोरो 54 किलोग्राम वर्ग में भारत की नम्बर एक मुक्केबाज हैं और विश्व रैंक में जमुना टॉप 5 में शामिल रह चुकी हैं. उन्‍होंने कई राष्‍ट्रीय अंतरराष्‍ट्रीय मेडल जीता है.

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अंजू बॉबी जॉर्ज 

भारतीय लॉन्‍ग जंपर अंजू बॉबी जॉर्ज (Anju Bobby George) विश्‍व चैंपियनशिप में पदक जीतने वाली इकलौती भारतीय खिलाड़ी हैं. केरल में जन्‍मी अंजू को बचपन से ही उनके माता पिता को प्रोत्साहन मिला और उन्होंने कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पदक जीते. साल 2003 में पेरिस में आयोजित हुए विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप में लंबी कूद में जब अंजू ने भारत के लिए कांस्य पदक जीता, तो पूरा देश हतप्रभ था. वह भारत के लिए पदक जीतने वाली पहली भारतीय एथलीट बनीं.

 

 

 

 

 

 

 

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