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अब किसानो चन्दन की खेती बना देगी करोड़पति,देखें चंदन की खेती की पूरी जानकारी

आपने ऐसे तो बहुत सी खेती की होगी लेकिन आज हम आपको ऐसी खेती को करने के बारे में बताने जा रहे है जिससे किसानो तगड़ा मुनाफा होगा क्योकि चन्दन की हर चीज बहुत ज्यादा महंगी होती है

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आपने ऐसे तो बहुत सी खेती की होगी लेकिन आज हम आपको ऐसी खेती को करने के बारे में बताने जा रहे है जिससे किसानो तगड़ा मुनाफा होगा क्योकि चन्दन की हर चीज बहुत ज्यादा महंगी होती है और आज देश के किसान पारंपरिक फसल को छोड़ ज्यादा मुनाफे वाली फसल की ओर देख रहे हैं। आज हम ऐसे ही किसान के बारे में बताने जा रहे हैँ जो पारंपरिक खेती नही करते ये किसान चंदन की खेती करते हैँ और करोड़ो रुपये कमा रहे हैं। और आपको आज एक किसान के बारे में बताते  है जो खेती में बहुत से प्रयोग किये हैं। लेकिन बहुत से प्रयोग करने के बाद भी उन्हें ज्यादा मुनाफा नहीं हुआ। लेकिन फिर भी हिम्मत नहीं हारी और अन्य विकल्प खोजने में लगे रहे। इसके बाद इन्होंने चंदन की खेती शुरू की जिससे आज ये किसान सालाना करोड़ों रुपए कमा रहे हैं। और किसान बतात है.

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जाने चंदन के बीज,पौधे, मिट्टी और जलवायु  के बारे में :- 
यहाँ पर आपको बताते है की चन्दन की खेती करने के लिए सबसे पहले बीजो की आवश्यकता होती है जो की आपको बड़ी आसानी से मिल जाती है और चंदन का पेड़ लाल मिट्टी में अच्छी तरह से उगता है।और  इसके अलावा चट्टानी मिट्टी, पथरीली मिट्टी और चूनेदार मिट्टी में भी इसे उगाया जाता है। और वहीं गीली मिट्टी और ज्यादा मिनरल्स वाली मिट्टी में ये पेड़ तेजी से नहीं उग पाते।और जिससे पौधे भी अच्छे होते है मानसून के पेड़ में ये पौधे तेजी से बढ़ते हैं, वहीं गर्मियों में इन्हें सिंचाई की जरूरत होती है चंदन के पेड़ को 5 से 50 डिग्री तक तापमान वाले इलाके में लगाना सही माना जाता है। इसके लिए 7 से 8.5 एचपी वाली मिट्टी उत्तम होती है। एक एकड़ भूमि में औसतन 400 पेड़ लगते हैं। इसकी खेती के लिए 500 से 625 मिमी वार्षिक औसम बारिश की आवश्यकता पड़ती है।

जाने कब किये जाते है चंदन की खेती में पौधरोपण :-
चन्दन की खेती करने के लिए सबसे सही समय अप्रैल और मई  महीने में चंदन की बुवाई होती है।और पौधे बोने से पहले 2 से 3 बार अच्छी और गहरी जुताई करना होता है। इसके बाद 2x2 फीट का गहरा गड्ढ़ा खोदकर उसे कुछ दिनों के लिए सूखने के लिए छोड़ देना चाहिए। और अगर आपके पास काफी जगह है तो एक खेत में 30 से 40 सेमी की दूरी पर चंदन के बीजों को उगा दें। और चंदन का पौधा अद्र्धजीवी होता है। और इस कारण चंदन का पौधा आधा जीवन अपनी जरुरत खुद पूरी करता है और आधी जरूरत के लिए दूसरे पेड़ की जड़ों पर निर्भर रहता है।और  इसलिए चंदन का पेड़ अकेले नहीं पनपता है। अगर चंदन का पेड़ अकेला लगाया जाएगा तो यह सूख जाएगा। जब भी चंदन का पेड़ लगाएं तो उसके साथ दूसरे पेड़ भी लगाएं। साथ ही इस बात का विशेष ध्यान रखना होगा

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देखे कैसे करे चन्दन की खेती में सिंचाई :-
चन्दन के पौधे कुछ समय बाद उसमे खाद और सिचाई की जरुरत भी होती  है और चंदन की खेती में जैविक खाद की अधिक आवश्यकता नहीं पड़ती है। और शुरू में फसल की वृद्धि के समय खाद की जरुरत पड़ती है।और  लाल मिट्टी के 2 भाग, खाद के 1 भाग और बालू के 1 भाग को खाद के रूप में प्रयोग किया जा सकता है। गाद भी पौधों को बहुत अच्छा पोषण प्रदान करता हैऔर बारिश के समय में चंदन के पेड़ तेजी से विकसित होते हैं लेकिन गर्मी के मौसम में इसकी सिंचाई अधिक करनी पड़ती। क्योकि सिंचाई मिट्टी में नमी और मौसम पर निर्भर करती है। और शुरू में बारिश के बाद दिसंबर से मई तक सिंचाई करना चाहिए। पौध रोपण के बाद जब तक बीज का 6 से 7 हफ्ते में अंकुरण शुरू ना हो जाए तब तक सिंचाई को रोकना नहीं चाहिए। चंदन की खेती में पौधों के विकास के लिए मिट्टी का हमेशा नम और जल भराव होना चाहिए। अंकुरित होने के बाद एक दिन छोडक़र इसकी सिंचाई करें

कब की जाती है चंदन की फसल की कटाई  :- 
अब बताते है की चन्दन की खेती कब बनकर तैयार हो जाती है  और इसका सही समय कब आता है और चंदन का पेड़ जब 15 साल का हो जाता है तब बह लकड़ी देने लगता है और  चंदन के पेड़ की जड़े खुशबूदार होती हैं। इसलिए इसके पेड़ को काटने की बजाए जड़ सहित उखाड़ लिया जाता है। और पौधे को रोपने के पांच साल बाद से चंदन की रसदार लकड़ी बनना शुरू हो जाता हैं। चंदन के पेड़ को काटने पर उसे दो भाग निकलते हैं। एक रसदार लकड़ी होती है और दूसरी सूखी लकड़ी होती है। दोनों ही लकडिय़ों का मूल्य अलग-अलग होता है। जिससे करोडो का मुनफा हो सकता है क्यकि एक चन्दन के पेड़ की कीमत ही 3 से 4 लाख रुपए होती है 

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