किसानो को करोड़पति बना देंगी इस पेड़ की खेती कम लागत में होता है तगड़ा मुनाफा देखे पूरी डिटेल By Pradesh Tak 05 Apr 2024 in खेती किसानी New Update Listen to this article 0.75x 1x 1.5x 00:00 / 00:00 Follow Us शेयर देश के किसान अपनी कमाई बढ़ाने के लिए अब परंपरागत खेती के साथ-साथ बागवानी पर भी जोर दे रहे हैं. अगर आप भी खेती करते हैं और अपनी आमदनी बढ़ाने के लिए कुछ नया करना चाहते हैं, तो मोरिंगा की खेती कर सकते हैं. इस पेड़ की खेती इसलिए मुनाफे वाली है क्योंकि इसके पत्ते, फल (सहजन की फली), बीज और तने सब बिक जाते हैं. इसकी अच्छी बात ये है कि इसकी खेती दूसरी फसलों के साथ भी आसानी से की जा सकती है. यह भी पढ़िए-Maruti की बसंती कार EECO मार्केट में मचाएंगी तूफ़ान टनाटन फीचर्स के साथ चार्मिंग लुक देखे कीमत सहजन है सुपरफूड भी सहजन की फली को सुपरफूड भी कहा जाता है क्योंकि इसमें कई पोषक तत्व पाए जाते हैं. इसमें बीटा-कैरोटीन, विटामिन सी, कैल्शियम, मैग्नीशियम, फॉस्फोरस, पोटेशियम और आयरन जैसे मैक्रोन्यूट्रिएंट्स पाए जाते हैं. 300 से ज्यादा बीमारियों से बचाने की क्षमता के कारण इसे 'चमत्कारी पेड़' के नाम से भी जाना जाता है. सहजन की बढ़ती मांग और इसके औषधीय गुणों के कारण इसकी खेती किसान बड़े पैमाने पर कर रहे हैं. सहजन की किस्में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) के अनुसार, सहजन की फसल साल में सिर्फ एक बार और वो भी कुछ महीनों के लिए ही मिलती है. इसकी कुछ ऐसी किस्में हैं जो साल में दो बार फसल देती हैं, जैसे रोहित 1, धनराज, केएम 1, पीकेएम 2 और पीकेएम-1, ओडिशी और भाग्य. सहजन की खेती का तरीका सहजन की खेती लगभग सभी तरह की मिट्टी में की जा सकती है, लेकिन काली मिट्टी, लाल मिट्टी, रेतीली और बलूत दोमट मिट्टी जिनकी pH कम होती है वो ज्यादा उपयुक्त नहीं मानी जाती है. ऐसी मिट्टी जिसका pH 6.5 से 8.0 के बीच हो और जल निकास अच्छा हो वो सहजन की खेती के लिए बेहतर मानी जाती है. सहजन के पौधे बीज और कटाई दोनों तरीकों से तैयार किए जा सकते हैं. एक हेक्टेयर में पेड़ लगाने के लिए 500-600 ग्राम बीजों की जरूरत होती है. इन बीजों को 10-12 घंटे पानी में भिगोकर रखा जाता है जिससे अंकुरण अच्छा होता है. बुवाई से पहले बीजोपचार जरूर करना चाहिए. सहजन लगाते वक्त प्रति पौधा 500 ग्राम सड़ी गोबर की खाद और 250 ग्राम नीम की खली डालनी चाहिए. पेड़ लगाने के करीब 75 दिन बाद जब फूल आने लगें तब प्रति पौधा 44 ग्राम नाइट्रोजन देना चाहिए. पौधों का संरक्षण सहजन में भूजा पीलू नामक कीट पत्तियां खाते हैं और आसपास के पेड़ों तक तेजी से फैलते हैं. इस कीट को नियंत्रित करने के लिए शुरुआती अवस्था में ही कपड़े धोने का पाउडर घोलकर डालने से रोकथाम की जा सकती है. सहजन में होने वाली जड़ गलन नामक बीमारी से बचने के लिए पौधे ऊंची क्यारियों पर लगाने चाहिए और खेत में बेकार पड़ी सामग्री को हटा देना चाहिए. इसमें रोपाई के समय सफेद इल्ली का प्रकोप होता है जो जड़ खाकर पौधे को मार देता है. इससे बचने के लिए लाइट ट्रैप और क्लोरपाइरीफॉस का इस्तेमाल करें. यह भी पढ़िए-Apache के छक्के छुड़ा देंगी Hero की कंटाप लुक बाइक, 60kmpl माइलेज के साथ मिलेंगे फीचर्स भी दनादन कमाई होगी लाखों में सहजन के एक पेड़ से पहले 3-4 साल में 20-30 किलो और बाद में 40-50 किलो तक फलन (फल देने की क्र #sahajan ki kheti #sahajan ki kheti kaise kare #sahajan ki kheti news #sahajan ki kheti kaise ki jati hai हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें! विशेष ऑफ़र और नवीनतम समाचार प्राप्त करने वाले पहले व्यक्ति बनें अब सदस्यता लें Advertisment यह भी पढ़ें Latest Stories Read the Next Article