मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव के परिणाम कांग्रेस की मर्जी के मुताबिक नहीं रहे हैं ऊपर से लेकर नीचे तक कांग्रेस के तमाम नेता और कार्यकर्ता इस हार से मायूस हैं लेकिन चंद महीने बंद होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने तैयारी शुरू कर दी है पार्टी की पूरी कोशिश हार से उबर कर लोकसभा में अच्छा प्रदर्शन करने की है।
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पार्टी के अंदर से बाहर आ रही ख़बरों के मुताबिक प्रदेश में लोकसभा चुनाव की तैयारी में कांग्रेस नए साल से जुटेगी। जिसमें अब चंद दिनों का ही वक्त बचा है बताया जा रहा है कि छिंदवाड़ा के सभी विधानसभा क्षेत्रों का दौरा करने के बाद अब प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ बाकि सभी ज़िलों का दौरा करेंगे पार्टी इसके लिए कार्ययोजना बना रही है जिला प्रभारियों से कहा गया है कि वो भी विधानसभा-वार बूथ लेवल एजेंट की सक्रियता को लेकर रिपोर्ट दें कहीं परिवर्तन करना है तो उसे अगले महीने ही कर लिया जाए ।
दरअसल, अगले साल मार्च में आम चुनाव की घोषणा की संभावना के मद्देनजर तैयारियों के लिए कम समय बचा है मार्च में चुनाव की घोषणा हो सकती है संगठन ने तय किया है कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सभी जिलों का दौरा करेंगे अन्य सभी नेताओं को भी सक्रिय किया जाएगा प्रदेश और जिला संगठन में जो परिवर्तन किए जाने हैं, वो भी जनवरी में ही कर दिए जाएंगे ताकि नई टीम पूरी ताकत से चुनाव की तैयारी में जुट जाए । भोपाल में पीसीसी दफ्तर में…चुनाव नतीजों के बाद हुई कांग्रेस के जीते और हारे उम्मीदवारों की बैठक में ये बात भी सामने आई थी कि कई जगहों पर पदाधिकारियों ने वैसी सक्रियता नहीं दिखाई जैसी दिखाई जानी चाहिए थी इसका नुकसान भी कांग्रेस को उठना पड़ा है बहुत मुमकिन है कि ऐसे पदाधिकारियों से जिम्मेदारी ले ली जाए।
उधर जिला प्रभारियों से बूथ लेवल एजेंट की सक्रियता को लेकर भी रिपोर्ट मांगी गई है दरअसल, विधानसभा चुनाव के बाद हुई समीक्षा बैठक में ये बात सामने आई थी कि बूथ लेवल एजेंटों का सहयोग नहीं मिला है। जबकि, पहली बार पार्टी ने 62 हजार से ज़्यादा बूथ लेवल एजेंट नियुक्त किए थे..।
राज्य संगठन ने ये भी तय किया है कि हर विधानसभा के चुनाव नतीजों को लेकर जो रिपोर्ट तैयार की जा रही है उसमें बूथ सेक्टर और मंडलम समितियों की रिपोर्ट को भी सम्मिलित किया जाएगा
पहली बार बीजेपी से मुकाबले के लिए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने बूथ सेक्टर और मंडलम समितियों का गठन कर उन्हें बूथ प्रबंधन की कमान सौंपी थी लेकिन जो रिजल्ट सामने आए उसने इनकी भूमिका को भी संदेह के घेरे में ला दिया है । अब पार्टी की पूरी कोशिश सगंठन के साथ ही हर स्तर पर कसावट लाकर लोकसभा चनाव में जाने की है ताकि आम चुनाव में इसका बड़ा असर देखने को मिले।