Digvijaya singh : मध्य प्रदेश में राजनैतिक घमासान राजगढ़ लोकसभा क्षेत्र से चुनावी मैदान में उतरकर अपने ही गढ़ में घिरे दिग्विजय, दांव पर राजघराने की प्रतिष्ठा वर्ष 2014 के पहले राजगढ़ लोकसभा सीट दिग्विजय सिंह के गढ़ के रूप में पहचानी जाती थी। राजगढ़ लोकसभा सीट से दिग्विजय सिंह खुद दो बार और उनके भाई लक्ष्मण सिंह पांच बार सांसद रह चुके है। वहीं बीते 10 साल से राजगढ़ लोकसभा सीट पर भाजपा का कब्जा है। By Ankush Baraskar 29 Mar 2024 | एडिट 29 Mar 2024 11:57 IST in लोकसभा चुनाव 2024 New Update Listen to this article 0.75x 1x 1.5x 00:00 / 00:00 Susner/संवाददाता संजय चौहान सुसनेर:- मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के राजगढ़ लोकसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी के तौर पर चुनावी मैदान में उतरने से पूरा चुनावी मुकाबला दिलचस्प हो गया है। वर्ष 2014 के पहले राजगढ़ लोकसभा सीट दिग्विजय सिंह के गढ़ के रूप में पहचानी जाती थी। राजगढ़ लोकसभा सीट से दिग्विजय सिंह खुद दो बार और उनके भाई लक्ष्मण सिंह पांच बार सांसद रह चुके है। वहीं बीते 10 साल से राजगढ़ लोकसभा सीट पर भाजपा का कब्जा है। Advertisment यह भी पढ़िए :- Susner: 71 साल पुरानी परम्परा आज भी है जिन्दा, रंगपंचमी पर होगा मूर्ख सम्मेलन दांव पर दिग्विजय की प्रतिष्ठा राजगढ़ लोकसभा सीट के पहचान पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के गढ़ के रूप में होती रही है। मध्य प्रदेश की सियासत में राजा के नाम से पहचाने जाने वाले दिग्विजय सिंह राघौगढ़ रियासत से ताल्लुक रखते है। 1984 में दिग्विजय सिंह पहली बार राजगढ़ लोकसभा सीट से चुनाव जीते थे। वहीं 1991 में दिग्विजय सिंह आखिरी बार राजगढ़ लोकसभा सीट से चुनावी मैदान में उतरे थे। करीब तीस साल (1984 से 2014) 2014 तक राजगढ़ लोकसभा सीट कांग्रेस के गढ़ के रूप में पहचानी जाती थी तो इसका कारण दिग्विजय सिंह ही थे। Advertisment मोदी लहर में ढहा दिग्गी का किला वर्ष 2014 में मोदी लहर में राजगढ़ के किले पर भाजपा ने अपना कब्जा जमाया। 2014 और 2019 में लगातार दो बार भाजपा प्रत्याशी रोडमल नागर ने राजगढ़ लोकसभा सीट पर जीत हासिल की। 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी रोडमल नागर ने दिग्विजय सिंह के करीबी नारायण सिंह आमलाबे को दो लाख से अधिक वोटों से हराया। वहीं 2019 लोकसभा चुनाव में एक बार फिर भाजपा प्रत्याशी रोडमल नागर ने दिग्विजय सिंह के करीबी मोना सुस्तानी को चार लाख से अधिक वोटों से हराया।वहीं भाजपा इस बार लोकसभा चुनाव में फिर रोडमल नागर को अपना उम्मीदवार बनाया है, जिनका सामना पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह से होगा।ऐसे में अब राजगढ़ लोकसभा सीट का चुनावी मुकाबला काफी दिलचस्प हो गया है। विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की बुरी हार Advertisment वर्ष 2023 के आखिरी में हुए विधानसभा चुनाव में राजगढ़ लोकसभा सीट में आने वाली 8 विधानसभा सीटों में से 6 पर भाजपा ने अपना कब्जा जमाया तो दो विधानसभा सीटों पर कांग्रेस जीती। दिग्विजय सिंह के बेटे जयवर्धन सिंह राघौगढ़ विधानसभा सीट से और सुसनेर विधानसभा सीट भैरू सिंह बापू को जीत हासिल हुई। विधानसभा चुनाव में दिग्विजय सिंह के भाई लक्ष्मण सिंह को चाचौड़ा और भतीजे प्रियव्रत सिंह को खिलचीपुर विधानसभा सीट से हार का सामना करना पड़ा। ऐसे में अब लोकसभा चुनाव में दिग्विजय सिंह को कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ सकता है। यह भी पढ़िए :- Susner: समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी की मांग को लेकर किसानों लगाया चक्काजाम, प्रशासन की समझाइश के बाद खत्म किया मोदी फैक्टर से निपटना चुनौती कांग्रेस के दिग्गज चेहरे दिग्विजय सिंह के सामने सबसे बड़ी चुनौती मोदी फैक्टर से निपटना है। कांग्रेस ने दिग्विजय सिंह को चुनावी मैदान में उतारकर राजगढ़ सीट को हाईप्रोफाइल लोकसभा सीट बना दिया है। 10 साल से राजगढ़ संसदीय सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे रोडमल नागर के सामने बड़ी चुनौती एंटी इकंबेंसी फैक्टर है लेकिन मोदी का चेहरा अकेले दिग्विजय सिंह पर भारी पड़ सकती है। इसके साथ दिग्विजय सिंह का खुद लोकसभा चुनाव नहीं लड़ने की बात कहना भी उन पर भारी पड़ सकता है। #digvijaya singh news #Loksabha Election 2024 congress #roadmal nagar vs digvijay singh हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें! विशेष ऑफ़र और नवीनतम समाचार प्राप्त करने वाले पहले व्यक्ति बनें अब सदस्यता लें Advertisment यह भी पढ़ें Latest Stories Read the Next Article