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Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट ने लगाई सांसदों पर वोट के बदले नोट पर रोक

आगामी लोकसभा चुनाव 2024 से पहले चुनाव को निष्पक्ष बनाये रखने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है । जिसमें कोर्ट ने सांसदों को वोट के बदले नोट के मामलों पर आपत्ति दर्ज कर दी है। 

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By Pooja Sen
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पुराने फैसले को पलट, नया फैसला सुनाया कोर्ट ने 

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बता दे कि सुप्रीम कोर्ट के पास इससे पहले वोट के बदले को लेकर कई याचिका दायर की गयी है। जिसके फैसले को पलटते हुए 7 सदस्यों वाली खंडपीठ ने सोमवार को वोट के बदले नोट को लेकर अपने पुराने फैसले को बदल दिया है। 

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अनुच्छेद 105 के हवाले से की ये कार्यवाही

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बता दे कि सुप्रीम कोर्ट की 7 सदस्यों वाली खंडपीठ ने सोमवार को सांसदों को वोट के बदले नोट के मामले में किसी भी तरह की छूट देने से साफ मना कर दिया है। कोर्ट ने इस मामले पर कार्यवाही करते हुए अनुच्छेद 105 के तहत सांसदों को घूसखोरी के मामले में किसी भी तरह की छूट से राहत नहीं देने की बात कही है। 

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नरसिम्हा राव पर लगा था आरोप

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बता दे कि 1993 में नरसिम्हा राव पर वोट के बदले नोट लेने का आरोप लगा था। जहां सरकार के द्वारा सांसदों को वोट देने के लिए नोट दिया गया था। 

1998 में कोर्ट ने इसे सांसदों के विशेषाधिकार में

बता दे कि इससे पहले 1998 में कोर्ट की 5 जजों की बेच ने 3-2 बहुमत के जरिये अपने फैंसले में वोट के बदले नोट के मामले में किसी भी तरह के हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया था। इसे सांसदों के विशेषाधिकार के दायरे में बताया था।

सुप्रीम कोर्ट ने धारा की ही बदल दिया

सुप्रीम ने वोट के बदले नोट मामले को लेकर अनुच्छेद 105 की धारा को ही बदल दिया है । जिसके अनुसार अब आम नागरिकों की तरह सांसद भी किसी भी तरह की कोई रिश्वतखोरी नहीं कर सकते हैं ।

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