देश के युवा आज नई सोच के साथ खेती और अन्य व्यवसायों में सक्रिय हैं। सरकार की योजनाओं का लाभ उठाकर वे नई-नई पहल कर रहे हैं। इसी कड़ी में बिहार के बांका में भी युवा किसान मत्स्य पालन को बड़े पैमाने पर अपना रहे हैं। सरकार भी किसानों और मत्स्य पालकों को विभिन्न योजनाओं के तहत लाभ पहुंचा रही है।
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मत्स्य पालन को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही हैं। इनमें से बिहार सरकार और केंद्र सरकार की संयुक्त योजना ‘उन्नत इनपुट योजना’ किसी वरदान से कम नहीं है। इस योजना का लाभ उठाकर किसान अपने व्यवसाय का विस्तार कर अच्छे मुनाफे कमा रहे हैं। साथ ही, मत्स्य पालकों को सब्सिडी की भी सुविधा दी जा रही है।
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उन्नत इनपुट योजना से किसानों को मिल रहे लाभ
यह योजना मत्स्य पालकों को इस क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित कर रही है। इसके तहत किसानों को तालाब का जीर्णोद्धार, अगुलीका आकार की मछली, दाना, दवा आदि की सुविधा मिलती है। योजना के तहत किसानों को 50 से 70 प्रतिशत तक का लाभ मिल सकता है। मत्स्य पालन को बढ़ावा देने के लिए किसानों को उन्नत इनपुट योजना के तहत लाभ पहुंचाया जा रहा है, जिसमें किसानों के लिए प्रति हेक्टेयर 4 लाख रुपये की यूनिट लागत का प्रावधान किया गया है। इस इनपुट योजना के तहत एक परिवार को डेढ़ एकड़ में लाभ मिलेगा। इस योजना में एसटीएससी को 70% और सामान्य वर्ग को 50% सब्सिडी का प्रावधान है। इस योजना के तहत किसानों को फिंगर साइज मछली पालन के लिए दाना और दवा दिया जाता है। मछली पालकों को बीज तैयार कर बाजार में उपलब्ध कराना होता है। बिक्री लक्ष्य पूरा कर मछली पालक अपना जीवन स्तर सुधार रहे हैं।