हमारे भारत में बहुत प्रकार के औषधीय पौधे पाए जाते है. जिसमे कुछ गंभीर बीमारियों के इलाज में कारीगर माने जाते है. ऐसे ही आपके लिए आज हम ऐसे ओषधिया पौधे के बारे में जानकारी लाये है. जिसके उपयोग से बुखार, मलेरिया और मधुमेह सहित कई प्रकार की बीमारियों के इलाज में किया जाता है. और साथ ही तेल का उपयोग सदियों से एक कीटनाशक के रूप में और कुछ सौंदर्य प्रसाधनों और साबुन उत्पादों को बनाने में भी किया जाता है। इसका नाम है “काला नीम” तो आइये जानते है. इसके फायदों के बारे में
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काले नीम का उपयोग पत्तियों का महत्वपूर्ण है. नीम की पत्तीया गहरी काली होती है. इस पेड़ में फूल मार्च, अप्रैल, मई, जून, जुलाई में आते है. जो की सफ़ेद रंग के होते है. इसका पौधा लगभग 4 से 6 मीटर का होता है. काले नीम का पेड़ रेतीली, दोमट या चिकनी मिट्टी में अच्छी ग्रोथ करता है.
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काले नीम से फायदे की अगर हम बात करे तो काला नीम बुखार, मलेरिया और मधुमेह सहित कई प्रकार की बीमारियों के लिए फायदेमंद है. एक्जिमा और सोरायसिस जैसी त्वचा की बीमारी और साथ ही कृषि में एफिड्स, व्हाइटफ्लाइज़ और स्पाइडर माइट्स जैसे कीटों को नियंत्रित करने में भी उपयोगी है. नीम का पेड़ हवा और पानी की गुणवत्ता में सुधार भी करता है.
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