हमारे भारत में कई प्रकार के औषधीय पौधे पाए जाते है. जिनके विभिन्न प्रकार के गुण कई गंभीर बीमारियों का नाश करते है. आज हम आपको ऐसे पौधे के बारे में बताने जा रहे है. खुजली, चोट, सूजन एवं मोच आदि में इसके लेप और तैल को लगाने से लाभ होता है। प्रकन्द का क्वाथ बनाकर पिलाने से बुखार ठीक होता है। इसका नाम है. “जंगली हल्दी पीली” आइये जानते है. इसके फायदे और उगाने का तरिका
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जंगली पिली हल्दी का जून जुलाई में फूलों का मौसम होता है. जो की पिले रंग के होते है. और पत्तो का रंग हरा होता है. और पौधे की ऊंचाई 50 सेमी से 100 सेमी होती है. पौधे सर्दी और गर्मी में पत्ती रहित होते हैं।
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जंगली हल्दी के पौधों को उगाना आसान होता है वे भारी बरसात को सहन कर सकते हैं लेकिन अच्छी जल निकासी वाली मिट्टी की आवश्यकता होती है। ज्यादातर अम्लीय मिट्टी को पसंद करते है. इसके पौधों में हल्दी जैसी कंद मूल होती है। इन्हें जमीन में रखा जा सकता है। पौधे ऐसे ही पड़े रहेंगे और अगले वर्ष वापस उग जाएंगे।
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