चिलचिलाती धूप में भी ताबड़तोड़ उत्पादन देगी भिंडी की खेती, तीसरी फसल के मुनाफे में किसान बनेगा मालामाल समयावधि पूरी होने के बाद भिंडी का बम्पर उत्पादन मिलना शुरू हो जाता है. कम समय में अधिक मुनाफा कमाने का किसानो के लिए बढ़िया विकल्प हो सकता है. By Ankush Baraskar 06 Apr 2024 in खेती किसानी New Update Listen to this article 0.75x 1x 1.5x 00:00 / 00:00 Follow Us शेयर गर्मियों के दिन शुरू हो चुके है,ज्यादातर किसान बंधू फसलों की कटाई के बाद गर्मी में तीसरी फसल की तैयारी में रहते है.जिसमे मुंग,मक्का, मूंगफली, और अन्य सब्जिया उगाते है.किसानो के लिए गर्मी के दिन में भिंडी की खेती भी फायदेमंद साबित हो सकती है. भिंडी, जिसे लेडी फिंगर के नाम से भी जाना जाता है, एक लोकप्रिय सब्जी है जिसकी भारत सहित कई देशों में खेती की जाती है. इसकी खेती गर्मियों और खरीफ दोनों मौसम में की जा सकती है. आइए देखें भिंडी की सफल खेती के लिए कुछ महत्वपूर्ण जानकारी। Advertisment यह भी पढ़िए :- किसानो को करोड़पति बना देंगी इस पेड़ की खेती कम लागत में होता है तगड़ा मुनाफा देखे पूरी डिटेल भिंडी की खेती के लिए उपयुक्त जलवायु गर्मी में भिंडी की खेती करने के लिए गर्म और आर्द्र जलवायु अच्छी मानीं जाती है.और इसके बीज उगने के लिए 27-30 डिग्री सेल्सियस तापमान उपयुक्त होता है.कम तापमान (17 डिग्री सेल्सियस से कम) में बीज अंकुरित नहीं होते है. Advertisment भिंडी की खेती के लिए उपयुक्त मिट्टी भिंडी को सभी तरह की मिट्टी में उगाया जा सकता है, लेकिन अच्छी जल निकास वाली दोमट मिट्टी सबसे उपयुक्त होती है. मिट्टी का पीएच मान 6.0 से 6.8 के बीच होना चाहिए. खारी या जलभराव वाली मिट्टी उपयुक्त नहीं होती है। कैसे करे खेत की तैयारी Advertisment भिंडी के बढ़िया उत्पादन के लिए खेत की अच्छी जुताई करें (20-25 सेमी की गहराई तक) और मिट्टी को भुरभुरा बनाएं.खेत से ढेले, खरपतवार और ठूंठ हटा दें.अच्छी तरह से सड़ी हुई गोबर की खाद डालें (लगभग 10 किलोग्राम प्रति एकड़).बुवाई से पहले बीजों को रात भर पानी में भिगो दें. यह भी पढ़िए :- किसानों को मालामाल बना देंगी लहसुन की खेती लाखों की होगी कमाई, जाने खेती की पूरी जानकारी कैसे करे सिंचाई बीजों को सीधे खेत में बोया जाता है.गर्मियों की फसल के लिए कम दूरी (45 सेमी × 30 सेमी) पर और बरसात की फसल के लिए अधिक दूरी (60 सेमी × 45 सेमी) पर बुवाई करें, खरपतवारों को नियमित रूप से निकालते रहें, पहली निराई-गुड़ाई बुवाई के 15-20 दिन बाद करें.रासायनिक खरपतवारनाशकों का भी प्रयोग किया जा सकता है, लेकिन इसके लिए कृषि विशेषज्ञों की सलाह लें.गर्मी के मौसम में नियमित सिंचाई की आवश्यकता होती है, लेकिन जलभराव से बचें. मिट्टी की नमी को ध्यान में रखकर सिंचाई करें. समयावधि पूरी होने के बाद भिंडी का बम्पर उत्पादन मिलना शुरू हो जाता है. कम समय में अधिक मुनाफा कमाने का किसानो के लिए बढ़िया विकल्प हो सकता है. #bhindi ki kheti #bhindi ki kheti kaise #bhindi ki kheti kaise kare #bhindi ki kheti kah हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें! विशेष ऑफ़र और नवीनतम समाचार प्राप्त करने वाले पहले व्यक्ति बनें अब सदस्यता लें Advertisment यह भी पढ़ें Latest Stories Read the Next Article