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चिलचिलाती धूप में भी ताबड़तोड़ उत्पादन देगी भिंडी की खेती, तीसरी फसल के मुनाफे में किसान बनेगा मालामाल

समयावधि पूरी होने के बाद भिंडी का बम्पर उत्पादन मिलना शुरू हो जाता है. कम समय में अधिक मुनाफा कमाने का किसानो के लिए बढ़िया विकल्प हो सकता है. 

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bhindi
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गर्मियों के दिन शुरू हो चुके है,ज्यादातर किसान बंधू फसलों की कटाई के बाद गर्मी में तीसरी फसल की तैयारी में रहते है.जिसमे मुंग,मक्का, मूंगफली, और अन्य सब्जिया उगाते है.किसानो के लिए गर्मी के दिन में भिंडी की खेती भी फायदेमंद साबित हो सकती है. भिंडी, जिसे लेडी फिंगर के नाम से भी जाना जाता है, एक लोकप्रिय सब्जी है जिसकी भारत सहित कई देशों में खेती की जाती है. इसकी खेती गर्मियों और खरीफ दोनों मौसम में की जा सकती है. आइए देखें भिंडी की सफल खेती के लिए कुछ महत्वपूर्ण जानकारी।  

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भिंडी की खेती के लिए उपयुक्त जलवायु 

गर्मी में भिंडी की खेती करने के लिए गर्म और आर्द्र जलवायु अच्छी मानीं जाती है.और इसके बीज उगने के लिए 27-30 डिग्री सेल्सियस तापमान उपयुक्त होता है.कम तापमान (17 डिग्री सेल्सियस से कम) में बीज अंकुरित नहीं होते है. 

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भिंडी की खेती के लिए उपयुक्त मिट्टी  

भिंडी को सभी तरह की मिट्टी में उगाया जा सकता है, लेकिन अच्छी जल निकास वाली दोमट मिट्टी सबसे उपयुक्त होती है. मिट्टी का पीएच मान 6.0 से 6.8 के बीच होना चाहिए. खारी या जलभराव वाली मिट्टी उपयुक्त नहीं होती है।

कैसे करे खेत की तैयारी 

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भिंडी के बढ़िया उत्पादन के लिए खेत की अच्छी जुताई करें (20-25 सेमी की गहराई तक) और मिट्टी को भुरभुरा बनाएं.खेत से ढेले, खरपतवार और ठूंठ हटा दें.अच्छी तरह से सड़ी हुई गोबर की खाद डालें (लगभग 10 किलोग्राम प्रति एकड़).बुवाई से पहले बीजों को रात भर पानी में भिगो दें.

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कैसे करे सिंचाई 

बीजों को सीधे खेत में बोया जाता है.गर्मियों की फसल के लिए कम दूरी (45 सेमी × 30 सेमी) पर और बरसात की फसल के लिए अधिक दूरी (60 सेमी × 45 सेमी) पर बुवाई करें, खरपतवारों को नियमित रूप से निकालते रहें, पहली निराई-गुड़ाई बुवाई के 15-20 दिन बाद करें.रासायनिक खरपतवारनाशकों का भी प्रयोग किया जा सकता है, लेकिन इसके लिए कृषि विशेषज्ञों की सलाह लें.गर्मी के मौसम में नियमित सिंचाई की आवश्यकता होती है, लेकिन जलभराव से बचें. मिट्टी की नमी को ध्यान में रखकर सिंचाई करें.

समयावधि पूरी होने के बाद भिंडी का बम्पर उत्पादन मिलना शुरू हो जाता है. कम समय में अधिक मुनाफा कमाने का किसानो के लिए बढ़िया विकल्प हो सकता है. 

 

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