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Harda: रंग पंचमी के रंगीन प्रेम भरे रंग में , घेराबाजी के संघ फागुन के गीतों से बालागांव हुआ गुजांयमान

Harda: रंग पंचमी के अवसर पर प्रदेश के जिले हरदा में फागुन के गीतों का एक अलग ही रंग नजर आया है । जहां पर हर कोई गीतों के जरिये अपने पुराने दिन को याद कर रहा है।

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Harda: Balagaon became vibrant with the songs of Gherabaazi Sangh Phagun in the colorful love-filled colors of Rang Panchami.

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   Harda\ संवाददाता मदन गौर :-  फागुन महीना मै घेराबाजी पूरे फागुन के महिना मै फाग के गीत सुनाई देते थे पर आज की भागदौड भरी जिन्दगी मै इंसान को पल भर की फुर्सत नहीँ होती मार्डन जमाने और आधुनिक चकाचौंध मै पुरानी परंमपंरा लुप्त होती जा रही है।

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कुछ इस तरह से मनाया रंग पंचमी को 

ऐसे मै ग्राम बालागांव के भजन मंडल द्वारा रंग पंचमी के अलसुबह शिवनारायण गौर , हिरदाराम टेरक्या के निज निवास पर बालागांव घेराबाजी मंडल को निमंत्र देकर सुसह बजे से लेकर देर दोपहर तक भजनों का दौर चलता रहा फाग के लोकप्रिय लोकगीत ढोलक घेराबाजी की।  थाफ मंजीरा की झंकार से गीतों मै समा बांध दिया।  सुरेश गौर और मंडल के अन्य साथियों ने मिलकर गजब इंदिरा ने कर गई रे तवा नदी पर बांध बनाकर नहर चला गई।  एक से बढकर एक भजन सुनाऐ भजन प्रेमियो ने भी भजनो का जमकर लुत्फ उठाया और जमकर झूमे गायक कलाकारों ताली बजाकर वाह वाह करके उत्साह वर्धन किया।  भजनो का सिलसिला चलता रहा। 
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कई ग्रामीण थे उपस्थित

जैसे जैसे दिन चढ़ता गया भजनो रंग जमता रहा गायक कलाकारों ने भी सुर ताल राग से वर्षो पुराने और आज के दौर के गीत सुनाकर गीतकारों ने सबका मन मोह लिया और पूरे गांव को वृज धाम बना दिया जो पुरानी परंपरा लुप्त हो रही थी।  उसकों बचाने के लिऐ गौर समाज के प्रेमियों ने कार्यक्रम कराया।  इस अवसर पर प्रेम नारायण गौर , सुरेश गौर , मुकेश गौर, संतोष बरखेडया हिरदृयराम गौर दुर्गा गुर्जर,लखन गौर गौर समाज के पूर्व जिलासचिव सुरेश गौर दाव्रका मसानी सुदामा गौर सहित ग्राम के कई ग्रामीण उपस्थित थे। 

 

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