मध्य प्रदेश के लोगों को जल्द ही एक बड़ी सौगात मिलने वाली है। राज्य सरकार ने इंदौर और उज्जैन जैसे दो प्रमुख शहरों को जोड़ने के लिए एक नए छह लेन हाईवे के निर्माण को मंजूरी दे दी है। इस परियोजना पर लगभग ₹624 करोड़ की लागत आएगी और इसके पूरा होने के बाद क्षेत्रीय कनेक्टिविटी, व्यापार और पर्यटन को एक नई दिशा मिलेगी।
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इंदौर-उज्जैन रोड का होगा चौड़ीकरण
मौजूदा इंदौर-उज्जैन मार्ग को छह लेन में परिवर्तित किया जाएगा। यह कार्य मध्यप्रदेश सड़क विकास निगम (MPRDC) द्वारा किया जाएगा। सरकार का लक्ष्य इस पुल और सड़क निर्माण को आगामी दो वर्षों में पूरा करना है ताकि 2028 के सिंहस्थ मेले से पहले इसका लाभ मिल सके।
परियोजना की कुल लंबाई 44.6 किलोमीटर रखी गई है और इसके तहत कई स्थानों पर सड़क की नींव तैयार कर ली गई है। नई सड़क न केवल यातायात को सुगम बनाएगी, बल्कि आसपास के सैकड़ों गांवों को भी विकास की मुख्यधारा से जोड़ेगी।
पेड़ों की बलि पर्यावरणीय चिंता
इस छह लेन हाईवे के निर्माण में एक बड़ी चुनौती पर्यावरणीय है। सड़क के विस्तार में लगभग 3,000 पेड़ बाधा बन रहे हैं। प्रशासन ने इन्हें हटाने या स्थानांतरित करने का निर्णय लिया है। यदि कुछ पेड़ों को ट्रांसप्लांट नहीं किया जा सकेगा, तो उन्हें काटा जाएगा। हालांकि, सरकार का कहना है कि इसके बदले नए पौधे लगाए जाएंगे।
परियोजना का संचालन करेगा MPRDC
इस छह लेन हाईवे का निर्माण MPRDC (Madhya Pradesh Road Development Corporation) करेगा। राज्य सरकार ने इस परियोजना के लिए ₹623.95 करोड़ का बजट स्वीकृत किया है। इसका मुख्य उद्देश्य सिंहस्थ मेले के दौरान बढ़ने वाली यातायात की भीड़ को कम करना और श्रद्धालुओं को तेज और सुरक्षित यात्रा उपलब्ध कराना है।
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भविष्य में मिलने वाले लाभ
- इंदौर और उज्जैन के बीच की दूरी कम समय में तय होगी।
- ईंधन की बचत और समय की बचत से ड्राइवरों को लाभ मिलेगा।
- क्षेत्रीय व्यापार को नई गति मिलेगी।
- पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, विशेषकर सिंहस्थ मेले जैसे आयोजनों में।