रतन टाटा के बाद अब उनके सौतेले भाई नोएल टाटा टाटा ट्रस्ट की बागडोर संभालने वाले हैं। नोएल टाटा, जो पहले से ही परिवार के दो ट्रस्टों में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं, अब टाटा ट्रस्ट की जिम्मेदारी संभालेंगे। पारसी समुदाय के बीच वे पहले से ही एक लोकप्रिय चेहरा हैं और उन्हें रतन टाटा के बाद नेतृत्व करने के लिए सही उत्तराधिकारी माना जा रहा है।
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नोएल टाटा का पारिवारिक ट्रस्टों में योगदान
नोएल टाटा पहले से ही टाटा परिवार के दो प्रमुख ट्रस्टों ‘नवोजी टाटा ट्रस्ट’ और ‘सर रतन टाटा ट्रस्ट’ में शामिल हैं। उन्होंने इन ट्रस्टों के कार्यों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और अपने प्रशासनिक कौशल से पारिवारिक विरासत को मजबूत किया है। टाटा समूह में उनके अनुभव और नेतृत्व क्षमता को देखते हुए उन्हें टाटा ट्रस्ट के भविष्य के रूप में देखा जा रहा है।
पारसी समुदाय की पसंद
नोएल टाटा पारसी समुदाय के बीच बेहद सम्मानित और पसंदीदा व्यक्ति माने जाते हैं। उनकी विनम्रता और जिम्मेदारी की भावना उन्हें समुदाय के बीच खास बनाती है। रतन टाटा के बाद टाटा ट्रस्ट का नेतृत्व संभालने के लिए नोएल का चयन न केवल पारिवारिक, बल्कि सामुदायिक सहमति से भी किया गया है।
विरासत को आगे बढ़ाने का प्रयास
नोएल टाटा ने कहा, “मुझे गर्व है कि मुझे टाटा ट्रस्ट की विरासत को आगे बढ़ाने का अवसर मिल रहा है। रतन टाटा ने जिस ऊंचाई पर ट्रस्ट को पहुंचाया है, मैं उसे और आगे ले जाने का प्रयास करूंगा। हमारा उद्देश्य सदैव समाज और देश की सेवा करना रहेगा।”
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रतन टाटा का समर्थन
रतन टाटा ने भी नोएल के चयन पर अपनी सहमति और समर्थन व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि नोएल टाटा ट्रस्ट की मूल्यवान धरोहर को सही दिशा में आगे बढ़ाने में पूरी तरह सक्षम हैं। टाटा समूह और ट्रस्ट का भविष्य अब नोएल के सुरक्षित हाथों में है।
टाटा ट्रस्ट की सामाजिक भूमिका
टाटा ट्रस्ट लंबे समय से शिक्षा, स्वास्थ्य, ग्रामीण विकास और सामुदायिक सेवा में सक्रिय रहा है। रतन टाटा के कार्यकाल में ट्रस्ट ने कई ऐतिहासिक पहल की हैं, जिन्हें अब नोएल टाटा के नेतृत्व में और भी मजबूती से आगे बढ़ाने की योजना है।