pune bridge collapse : पुणे के मावल तहसील स्थित इंद्रायणी नदी पर बने 32 साल पुराने पुल के ढहने की घटना ने पूरे महाराष्ट्र को हिला कर रख दिया। हादसे के समय पुल पर बड़ी संख्या में पर्यटक मौजूद थे और कई लोग सेल्फी लेने में व्यस्त थे। यह हादसा एक चेतावनी है कि हम सार्वजनिक संरचनाओं को लेकर कितने लापरवाह हो सकते हैं।
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पुल के गिरने से ठीक पहले का दृश्य
हादसे से ठीक पहले सामने आई एक तस्वीर में पुल बीच से झुकता हुआ दिख रहा है, जो साफ संकेत देता है कि पुल पर असामान्य भार था। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, भारी भीड़ के कारण पुल झुकने लगा था, लेकिन किसी ने खतरे को गंभीरता से नहीं लिया। स्थानीय लोगों ने पहले ही प्रशासन को पुल की जर्जर स्थिति के बारे में बताया था, लेकिन कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं की गई।
चार लोगों की मौत, 18 घायल
रविवार दोपहर करीब 3:30 बजे यह हादसा हुआ, जिसमें चार लोगों की जान चली गई और 18 अन्य घायल हो गए। हादसे के समय पुल पर 100 से अधिक लोग मौजूद थे। यह पुल खास तौर पर पर्यटकों और पिकनिक मनाने वालों के लिए लोकप्रिय स्थान माना जाता था। अधिकारियों ने बताया कि पुल पर पहले ही चेतावनी बोर्ड लगाया गया था, जिसमें ज्यादा भीड़ जमा न करने की सलाह दी गई थी, लेकिन पर्यटकों ने इसे नजरअंदाज कर दिया।
पुणे कलेक्टर का बयान
पुणे जिलाधिकारी जितेन्द्र दुडी ने कहा, “पुल को पहले ही असुरक्षित घोषित कर दिया गया था। बावजूद इसके लगभग 100 लोग वहां मौजूद थे, जिनमें से कई सेल्फी लेने में लगे थे। जांच के लिए एक समिति बनाई जाएगी जो स्थानीय प्रशासन की भूमिका और सुरक्षा मानकों की अनुपालना पर रिपोर्ट देगी।”
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मुख्यमंत्री ने की सहायता की घोषणा
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने हादसे में मारे गए लोगों के परिजनों को ₹5 लाख की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है। इसके साथ ही घायलों के इलाज का पूरा खर्च भी राज्य सरकार वहन करेगी। मुख्यमंत्री ने यह भी भरोसा दिलाया कि पीड़ित परिवारों को हरसंभव सहायता दी जाएगी और दुर्घटना के कारणों की गहन जांच कराई जाएगी।