मध्य प्रदेश की मोहन सरकार ने एक अहम और संवेदनशील योजना की शुरुआत की है, जिससे राज्य के हर नागरिक को अंतिम संस्कार की गरिमा मिलेगी। इस नई पहल के तहत राज्य सरकार अब किसी भी परिवारजन की मृत्यु के बाद उसके शव को उनके घर तक पहुंचाने की जिम्मेदारी लेगी। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस योजना की शुरुआत मुख्यमंत्री निवास से शव वाहनों को हरी झंडी दिखाकर की है।
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हर जिले को मिलेंगे दो शव वाहन
राज्य के हर जिले में दो शव वाहन तैनात किए गए हैं। जिन जिलों में मेडिकल कॉलेज हैं, वहां दो अतिरिक्त शव वाहन भी दिए जाएंगे। यानी इन जिलों को कुल चार शव वाहन मिलेंगे। यह सुविधा पूरी तरह नि:शुल्क होगी और शव को जिले के किसी भी कोने में स्थित परिजन के घर तक पहुंचाया जाएगा। मुख्यमंत्री ने इस कदम को सरकार की सामाजिक जिम्मेदारी बताया।
अमानवीय दृश्य अब नहीं दिखेंगे
मुख्यमंत्री ने कहा कि अक्सर इलाज के दौरान किसी मरीज की मृत्यु हो जाती है, लेकिन संसाधनों की कमी के चलते उनके परिजनों को शव को ठेले, साइकिल या बाइक पर ले जाते हुए देखा गया है। ये दृश्य समाज को झकझोरते हैं। उन्होंने कहा कि अब ऐसे अमानवीय दृश्य मध्य प्रदेश में देखने को नहीं मिलेंगे, क्योंकि सरकार ने इसे गंभीरता से लिया है और अब शव वाहन हर जरूरतमंद परिवार को उपलब्ध कराया जाएगा।
देश का पहला राज्य बना मध्य प्रदेश
डॉ. मोहन यादव ने गर्व से कहा कि मध्य प्रदेश ऐसा करने वाला देश का पहला राज्य है, जो हर जिले में नि:शुल्क शव वाहन की सुविधा दे रहा है। यह योजना न सिर्फ सामाजिक जिम्मेदारी का हिस्सा है, बल्कि शासन की संवेदनशील सोच को भी दर्शाती है। उन्होंने कहा कि “हमारी सरकार उन समस्याओं को हल कर रही है जो अब तक नजरअंदाज होती रही हैं।”
सरकार की अन्य स्वास्थ्य सेवाएं
इससे पहले राज्य सरकार ने एयर एम्बुलेंस सेवा की शुरुआत की थी, जिसके तहत गंभीर बीमारियों या सड़क दुर्घटना में घायल हुए लोगों को किसी भी जिले से बड़े अस्पताल तक पहुंचाया जाता है। साथ ही “राहगीर योजना” के तहत यदि कोई व्यक्ति घायल व्यक्ति को समय रहते अस्पताल पहुंचाकर उसकी जान बचाता है, तो उसे ₹25,000 का इनाम भी दिया जाता है।
आज भोपाल निवास पर आयोजित कार्यक्रम में लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के अंतर्गत निःशुल्क शासकीय शव वाहन सेवा का शुभारंभ कर वाहनों को झंडी दिखाकर रवाना किया।
— Dr Mohan Yadav (@DrMohanYadav51) July 28, 2025
इसके अंतर्गत समस्त चिकित्सा महाविद्यालयों वाले जिलों में 4 और शेष अन्य जिला चिकित्सालयों हेतु 2 को मिलाकर कुल 148… pic.twitter.com/xJrhfBtUwZ
समाज के प्रति सरकार की संवेदनशील सोच
इस योजना के शुभारंभ के अवसर पर उपमुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल और मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल भी उपस्थित थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार की प्राथमिकता केवल विकास कार्यों तक सीमित नहीं है, बल्कि मानवीय मूल्यों और संवेदनशीलता को भी महत्व देती है। यह योजना उसी सोच का हिस्सा है।
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मध्य प्रदेश सरकार की यह नि:शुल्क शव वाहन योजना एक ऐतिहासिक और मानवीय पहल है। इससे न केवल शोक संतप्त परिवारों को सहूलियत मिलेगी, बल्कि समाज में एक सकारात्मक संदेश भी जाएगा। यह योजना दर्शाती है कि सरकार न केवल जीवित नागरिकों की सेवा कर रही है, बल्कि मृत्यु के बाद भी उनके सम्मान की रक्षा के लिए कटिबद्ध है।
ऐसे संवेदनशील कदम ही किसी सरकार की असली सफलता की निशानी होते हैं। मोहन सरकार की यह पहल निश्चित रूप से अन्य राज्यों के लिए भी एक प्रेरणा बनेगी।