Saturday, September 13, 2025

Sarthak App : तकनीकी खामियों और डेटा लीक ने शिक्षकों की बढ़ाई चिंता, सार्थक ऐप बना परेशानिओं का भण्डार

Sarthak App : मध्य प्रदेश के उच्च शिक्षा विभाग द्वारा शुरू किया गया ‘सार्थक’ ऐप अब शिक्षकों के लिए सिरदर्द बनता जा रहा है। इस ऐप को शिक्षकों और कर्मचारियों की उपस्थिति रिकॉर्ड करने के उद्देश्य से शुरू किया गया था, लेकिन इसकी तकनीकी खामियां और डेटा सुरक्षा में लापरवाही अब गंभीर मुद्दा बन गई हैं।

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एक साल से जारी है समस्या, समाधान नहीं

सार्थक ऐप पिछले एक साल से उपयोग में है। हालांकि इस दौरान आयुक्त कार्यालय की ओर से कई बार दिशा-निर्देश जारी किए गए, लेकिन नेटवर्क समस्याओं का समाधान नहीं हो पाया। शिक्षकों का कहना है कि यह तकनीक उन्हें सुविधा देने के बजाय प्रताड़ना का कारण बन गई है।

चेकआउट विकल्प बना सबसे बड़ी परेशानी

इस ऐप की सबसे बड़ी खामी इसका ‘चेकआउट’ फीचर है। यदि शिक्षक दिन के अंत में चेकआउट करना भूल जाते हैं, तो उनकी पूरी दिन की उपस्थिति शून्य दर्ज होती है, चाहे वे कॉलेज में पूरे समय उपस्थित रहे हों। दुर्भाग्यवश, उपस्थिति को मैनुअल तरीके से दर्ज करने का कोई वैकल्पिक सिस्टम नहीं है, जिससे गलत उपस्थिति रिकॉर्ड हो रही है और शिक्षकों की छवि पर असर पड़ रहा है।

महिला शिक्षकों की तस्वीरें सार्वजनिक होने पर हंगामा

इससे भी गंभीर मामला तब सामने आया जब कई शिक्षकों की तस्वीरें, जिनमें महिला शिक्षक भी शामिल थीं, सार्वजनिक प्लेटफॉर्म्स पर लीक हो गईं। यह केवल गोपनीयता का उल्लंघन नहीं, बल्कि शिक्षकों की सुरक्षा और गरिमा के लिए भी खतरा बन गया है। शिक्षकों के संगठन ने इसे साइबर सुरक्षा में बहुत बड़ी चूक मानते हुए जांच और जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की है।

शिक्षक संघ की मांगें और विरोध

प्रांतीय शासकीय महाविद्यालय प्राध्यापक संघ ने इस मुद्दे को लेकर कड़ा विरोध जताया है। संरक्षक प्रोफेसर कैलाश त्यागी और प्रदेश अध्यक्ष डॉ. आनंद शर्मा ने संयुक्त बयान जारी कर स्पष्ट कहा है कि जब तक इन समस्याओं का समाधान नहीं होता, तब तक सार्थक ऐप को अनिवार्य करना अनुचित है। उन्होंने वैकल्पिक उपस्थिति प्रणाली, नेटवर्क की समस्या का स्थायी समाधान और डेटा लीक की निष्पक्ष जांच की मांग उच्च शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव से की है।

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सरकार की भूमिका और आगे की राह

अब सवाल यह उठता है कि सरकार इस गंभीर मामले को कितनी तत्परता से संभालती है। अगर तकनीकी खामियों और डेटा लीक की अनदेखी की गई, तो यह ना केवल शिक्षकों का मनोबल गिराएगा, बल्कि शिक्षा व्यवस्था में अविश्वास को भी जन्म देगा।

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