मध्यप्रदेश का वन विभाग अब सैंडलवुड (चंदन) की खेती करके अपनी आय में बड़ा इजाफा करने जा रहा है। देश की सबसे महंगी फसलों में गिने जाने वाले सफेद चंदन की खेती अब बड़े पैमाने पर राज्य में शुरू होगी। इसके जरिए विभाग हर साल ₹100 करोड़ की कमाई का लक्ष्य बना रहा है।
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बैतूल से होगी सैंडलवुड मिशन की शुरुआत
वन विकास निगम के प्रबंध संचालक वीएन अमबड़े के अनुसार, चंदन की खेती की शुरुआत बैतूल जिले से की जा रही है। यहां निगम की नर्सरी और डिपो के पास लगभग 15 हेक्टेयर जमीन पर उच्च गुणवत्ता वाले सफेद चंदन के पौधे लगाए जाएंगे। अनुमान है कि 15 सालों में इन पौधों का बाजार मूल्य ₹90 करोड़ से अधिक होगा।
बेंगलुरु से मंगवाए गए हैं हाई क्वालिटी पौधे
इस परियोजना के लिए बेंगलुरु से करीब 10 हजार “सैंटलम एल्बम” प्रजाति के पौधे खरीदे गए हैं, जिनका मूल बीज क्षेत्र केरल है। केरल प्राकृतिक चंदन का बड़ा स्रोत माना जाता है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि मध्यप्रदेश में लगाए जाने वाले पौधे भी उच्च गुणवत्ता के होंगे।
हर साल अलग-अलग जिलों में होगी खेती
बैतूल के बाद यह योजना छिंदवाड़ा, भोपाल, रायसेन, विदिशा जैसे जिलों में भी लागू की जाएगी। हर साल अलग-अलग जगहों पर पौधे लगाए जाएंगे ताकि प्रतिवर्ष लाखों रुपये की आय सुनिश्चित की जा सके। इसके लिए स्थानों की पहचान की जा रही है।
सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
चूंकि चंदन के पौधे 7-8 साल बाद महकने लगते हैं और इनकी चोरी का खतरा रहता है, इसलिए सुरक्षा एक अहम चुनौती है। विभाग ने इसके लिए चेनल फेंसिंग, सीसीटीवी कैमरे, डॉग स्क्वॉड और ड्रोन जैसे उपायों की योजना बनाई है। पौधों को उन्हीं स्थानों पर लगाया जाएगा जहां वन विभाग का स्टाफ लगातार मौजूद रहता है।
एक हेक्टेयर में कितने पौधे लगेंगे?
चंदन के पौधों को 4×4 मीटर की दूरी पर लगाया जाता है, जिससे एक हेक्टेयर में करीब 625 पौधे लगाए जा सकते हैं। यदि दूरी 5×5 मीटर रखी जाए तो 400 पौधे लगते हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, मध्यप्रदेश की जलवायु सफेद चंदन की खेती के लिए अनुकूल है।
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हर हिस्सा है फायदेमंद
IFS अधिकारी एके खरे बताते हैं कि चंदन के पेड़ के पत्ते, फूल, फल और जड़ें – सब कुछ बाजार में बिकता है। 6-7 साल बाद पौधों में फूल और फल आने लगते हैं, जिनकी कीमत ₹1000 से ₹1500 प्रति किलो तक होती है। चंदन दो प्रकार का होता है – लाल और सफेद, लेकिन मध्यप्रदेश में सिर्फ सफेद चंदन की खेती की जा रही है।