मध्य प्रदेश के पर्यटन क्षेत्र के दिन अब बदलने वाले हैं। राज्य सरकार ने पर्यटन उद्योग को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव की तर्ज पर अब “पर्यटन कॉन्क्लेव” का आयोजन किया जा रहा है, जिसकी शुरुआत रीवा से हो रही है। इस आयोजन में देशभर से पर्यटन निवेशक, टूर ऑपरेटर, होटल व्यवसायी और पर्यटन से जुड़े प्रमुख हितधारक हिस्सा ले रहे हैं।
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रीवा और पूरे विंध्य क्षेत्र के पर्यटन पर विशेष फोकस
पर्यटन कॉन्क्लेव का पहला आयोजन 25 से 27 जुलाई के बीच रीवा स्थित कृष्णा राज कपूर ऑडिटोरियम में हो रहा है। इसमें सरकार द्वारा निवेशकों को किस तरह की नीति सहयोग और सुविधा दी जा सकती है, इस पर विस्तृत चर्चा होगी। यह आयोजन सिर्फ रीवा ही नहीं, बल्कि पूरे विंध्य क्षेत्र के पर्यटन स्थलों को प्रोत्साहित करने के लिए एक अहम पहल है।
मुख्यमंत्री ने किया कॉन्क्लेव का शुभारंभ
25 जुलाई को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने रीवा में पर्यटन कॉन्क्लेव का उद्घाटन किया। इस दौरान उन्होंने देशभर से आए टूर ऑपरेटरों, निवेशकों और पर्यटन क्षेत्र के विशेषज्ञों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पर्यटन को रोजगार और निवेश का बड़ा माध्यम बनाने के लिए संकल्पित है।
प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर है रीवा
रीवा न केवल ऐतिहासिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि प्राकृतिक सुंदरता में भी इसका कोई मुकाबला नहीं। यह जिला मध्य प्रदेश में सबसे अधिक जलप्रपातों वाला क्षेत्र है। यहां धार्मिक, पुरातात्विक और प्राकृतिक पर्यटन की असीम संभावनाएं हैं। यही वजह है कि सरकार अब यहां पर्यटन अधोसंरचना को सशक्त बनाने की दिशा में तेजी से काम कर रही है।
उत्तर प्रदेश से जुड़ाव रीवा को मिलेगा फायदा
रीवा, प्रयागराज और अयोध्या जैसे उत्तर प्रदेश के प्रमुख शहरों से सड़क मार्ग द्वारा जुड़ा हुआ है। पर्यटन विभाग का मानना है कि यदि यूपी से आने वाले पर्यटकों के लिए एक विशेष टूरिज्म कॉरिडोर तैयार किया जाए, तो रीवा और विंध्य के स्थलों को भी शामिल किया जा सकता है। इसी दिशा में विभाग ने हाल ही में दो रोड शो भी उत्तर प्रदेश में आयोजित किए हैं।
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आगे ग्वालियर, इंदौर और भोपाल में भी होंगे आयोजन
मध्य प्रदेश पर्यटन बोर्ड की सहायक प्रबंध निदेशक विदिशा मुखर्जी ने बताया कि रीवा के बाद अगस्त में ग्वालियर और सितंबर में इंदौर में पर्यटन कॉन्क्लेव होंगे। अक्टूबर में भोपाल में ट्रैवल मार्ट का आयोजन किया जाएगा। इस श्रृंखला का उद्देश्य पर्यटन को टिकाऊ और अनुभवजन्य बनाना है, जिससे स्थानीय समुदाय को भी प्रत्यक्ष लाभ मिल सके।