Indore News : खजराना गणेश मंदिर, इंदौर के सबसे प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों में से एक है। यहां हर साल लाखों श्रद्धालु अपनी आस्था और मनोकामनाओं के साथ आते हैं। हाल ही में मंदिर के दानपात्र खोले गए और इसके साथ ही कई चौंकाने वाली बातें सामने आईं। आइए विस्तार से जानते हैं इस पूरे घटनाक्रम के बारे में।
दानपात्र से निकली 1.90 करोड़ रुपये की राशि
खजराना गणेश मंदिर के कुल 29 दानपात्र खोले गए, जिनमें से अब तक ₹1.90 करोड़ की राशि गिनी जा चुकी है। मंदिर प्रशासन के अनुसार, यह रकम श्रद्धालुओं द्वारा चढ़ाए गए नकद दान से प्राप्त हुई है। अभी यह प्रक्रिया पूरी नहीं हुई है और सोमवार से दोबारा गिनती का कार्य शुरू किया जाएगा। इस कार्य में कुल 25 कर्मचारी लगातार जुटे हुए हैं।
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हर बार की तरह इस बार भी श्रद्धालुओं ने केवल पैसा ही नहीं, बल्कि अपनी मनोकामनाओं से भरे पत्र भी दानपात्रों में डाले हैं। इनमें से एक पत्र ने सबको चौंका दिया।
5 करोड़ की मांग ने चौंकाया मंदिर प्रशासन को
दानपात्र से मिले एक पत्र में एक श्रद्धालु ने भगवान गणेश से तत्काल 5 करोड़ रुपये की मांग की है। मंदिर प्रबंधक जीएस मिश्रा के अनुसार, पत्र में लिखा गया है कि “कोरोना काल में पूरा व्यापार ठप हो गया था, जिससे आर्थिक संकट गहरा गया है। अब इस स्थिति से उबरने के लिए तुरंत 5 करोड़ रुपये की आवश्यकता है।”
इस पत्र ने मंदिर प्रशासन को भी हैरान कर दिया। हालांकि, इस तरह की भावनात्मक अपीलें पहले भी आती रही हैं, लेकिन इतनी बड़ी रकम की सीधी मांग अपने आप में दुर्लभ है।
अन्य मनोकामनाओं में परीक्षा में सफलता, नौकरी और विवाह की कामना
दानपात्रों से मिले अन्य पत्रों में भी विभिन्न प्रकार की इच्छाएं और परेशानियाँ सामने आई हैं। कई लोगों ने परीक्षा में अच्छे परिणाम, सरकारी नौकरी, बेहतर वेतन वाली नौकरी, शीघ्र विवाह, और रोगों से मुक्ति जैसी प्रार्थनाएं की हैं। ये पत्र यह दर्शाते हैं कि भगवान गणेश के प्रति श्रद्धालुओं की आस्था कितनी गहरी है।
हिंदू आस्था में है गहरे विश्वास का प्रतीक
खजराना गणेश मंदिर में केवल इंदौर ही नहीं, बल्कि देशभर से श्रद्धालु आते हैं। यहां हर मंगलवार और गणेश चतुर्थी पर विशेष भीड़ होती है। श्रद्धालु अपने विश्वास और उम्मीदों के साथ गणेश जी के चरणों में आकर प्रार्थना करते हैं। दानपात्र में पैसे के साथ पत्र डालना अब एक परंपरा बन चुकी है।
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दान की गई राशि का होता है सामाजिक कार्यों में उपयोग
मंदिर प्रशासन के अनुसार, दान में प्राप्त राशि का उपयोग मंदिर के रखरखाव, सामाजिक कार्यों, गरीबों की सहायता और स्वास्थ्य सेवाओं में किया जाता है। इससे मंदिर केवल धार्मिक ही नहीं, बल्कि सामाजिक रूप से भी योगदान देता है।