Harda News/संवाददाता मदन गौर:- नगर पालिका की कायाकल्प योजना में 2 करोड़ 35 लाख रुपये की लागत से बनाई गई सड़कों का निर्माण भ्रष्टाचार और लापरवाही का शर्मनाक उदाहरण बन चुका है। सड़कों की गुणवत्ता इतनी खराब पाई गई कि उनका पुनर्निर्माण अनिवार्य था, लेकिन 17 महीने बीत जाने के बावजूद न तो सड़कों का पुनर्निर्माण हुआ और न ही दोषियों पर कोई कार्रवाई।
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यह मामला जनता के पैसों की खुली लूट और प्रशासन की उदासीनता को दर्शाता है। नगर पालिका अध्यक्ष श्रीमती भारती राजू कमेडिया और सीएमओ श्री कमलेश पाटीदार पर गंभीर आरोप हैं कि उन्होंने ठेकेदारों से मिलीभगत कर ₹60 लाख का भुगतान घटिया और पुनः निर्माण अधूरी सड़के होने के बाद भी कर दिया। क्या जनता के टैक्स का ऐसा दुरुपयोग केवल ठेकेदारों को फायदा पहुंचाने के लिए हुआ?आयुक्त नगरीय प्रशासन विभाग भोपाल के स्पष्ट आदेश थे कि सड़कों का पुनर्निर्माण कराया जाए। लेकिन न केवल इन आदेशों की अनदेखी की गई, बल्कि ठेकेदार और अधिकारियों की सांठगांठ के कारण आज तक किसी के खिलाफ कोई कदम नहीं उठाया गया।
अमर रोचलानी ने बताया कि कायाकल्प योजना के घटिया निर्माण और भ्रष्टाचार की हमारे द्वारा 25 जुलाई 2023 को माननीय कलेक्टर महोदय के पास शिकायत दर्ज कराई गई थी। जिसे पूरा 17 महा हो गए हैं लेकिन अब तक जांच केवल कागजों में चल रही है। न तो ठेकेदार पर कार्रवाई हुई और न ही नगर पालिका के भ्रष्ट अधिकारियों पर। क्या प्रशासन भ्रष्टाचार पर पर्दा डालने का प्रयास कर रहा है?
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हरदा के नागरिक आज भी इस मूलभूत सुविधा के लिए तरस रहे हैं और आज यह सवाल पूछ रहे हैं:”17 महीने से प्रशासन क्या कर रहा है, और सड़कों का पुनर्निर्माण आखिर कब होगा?”सड़कों की बदहाल स्थिति और प्रशासन की चुप्पी हरदा की जनता के साथ अन्याय है। और सवाल यह भी उठ रहा है कि जब 17 इस घड़ियां सड़क को हो गए हैं और लोग परेशान हैं तो इसकी जो ठेकेदार द्वारा गारंटी दी गई है वह आखिर कब से शुरू होगी पुनः निर्माण से की पहले दिन से यह भी एक जांच का विषय है इस पर अमर रोचनानी ने चेतावनी दी है कि अगर शीघ्र ही कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई, और सड़कों का पुनः जल्द से जल्द निर्माण शुरू नहीं कराया गया तो हम जनता के साथ इस भ्रष्टाचार के खिलाफ सड़कों पर उतरकर आंदोलन करना पड़ेगा। यह लड़ाई केवल सड़कों की नहीं, बल्कि हरदा के हर नागरिक के अधिकार की है।