MP News:मोहन सरकार दूध उत्पादकों के लिए ला रही शानदार स्कीम,5 रूपए प्रति लीटर मिलेगा बोनस मध्य प्रदेश सरकार राज्य में दूध क्रांति लाने की तैयारी में है। इसके लिए सरकार ने एक बड़ी योजना बनाई है। इसके तहत दूध उत्पादक किसानों को बड़ी रकम बोनस देने की तैयारी है। डॉ. मोहन यादव सरकार दूध उत्पादकों को बोनस के रूप में 5 रुपये प्रति लीटर की प्रोत्साहन राशि देगी। हालांकि यह रकम सीधे किसानों को नहीं दी जाएगी, इसके लिए सरकार ने एक विशेष शर्त रखी है।
दूध सहकारी समितियों के माध्यम से ही मिलेगा लाभ
यह प्रोत्साहन राशि केवल उन्हीं किसानों को दी जाएगी जो दूध की बिक्री दूध सहकारी समितियों के माध्यम से करेंगे। पशुपालन विभाग के अधिकारियों के अनुसार, जो प्रस्ताव बनाया जा रहा है, उसके मुताबिक जो किसान दूध की बिक्री स्वतंत्र रूप से कहीं और करेंगे, उन्हें यह रकम नहीं मिल सकेगी। सरकार इस प्रस्ताव को इस महीने होने वाली मंत्रिपरिषद (कैबिनेट) की बैठक में लाने वाली है।
प्रतिदिन 10 लाख लीटर दूध का संग्रहण
पशुपालन विभाग के प्रमुख सचिव गुलशन बामरा के अनुसार, किसानों को सहायता देने में हर साल लगभग दो सौ करोड़ रुपये खर्च होंगे। जल्द ही यह प्रस्ताव कैबिनेट को भेज दिया जाएगा। बता दें कि मध्य प्रदेश में प्रतिदिन 10 लाख लीटर दूध का संग्रहण दूध उत्पादक सहकारी समितियों के माध्यम से किया जाता है। यह दूध राज्य के छह सहकारी दूध संघों तक पहुंचता है, यहां से प्रसंस्करण के बाद इस दूध को विभिन्न माध्यमों से आम जनता को बिक्री के लिए भेजा जाता है।
केवल 15 प्रतिशत दूध उत्पादकों को लाभ
हालांकि सरकार की इस योजना का लाभ राज्य के केवल लगभग 15 प्रतिशत दूध उत्पादक ही ले पाएंगे। इसका कारण यह है कि इतने ही किसान दूध उत्पादक सहकारी समितियों से जुड़े हुए हैं। अधिकारियों के अनुसार मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव पशुपालन को बढ़ावा देने के कई प्रयास कर रहे हैं। इसी के चलते राज्य सरकार वर्तमान वर्ष को गौ संरक्षण वर्ष के रूप में मना रही है। इसी के चलते ग्वालों को यह प्रोत्साहन राशि देने का निर्णय लिया गया है।
अमूल मॉडल से मिली प्रेरणा
जनवरी महीने में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव अहमदाबाद गए थे, जहां उन्होंने अमूल के दूध उत्पादन और विपणन के मॉडल को देखा था। मुख्यमंत्री वहां से काफी प्रभावित हुए थे और उन्होंने अधिकारियों को इसे मध्य प्रदेश में लागू करने के निर्देश दिए थे। मध्य प्रदेश सरकार जो मॉडल लागू करने जा रही है, वह अन्य राज्यों में भी लागू किया जा रहा है। राजस्थान, झारखंड, महाराष्ट्र और असम में किसानों को 5 रुपये प्रति महीने का प्रोत्साहन दिया जा रहा है।