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बारिश के मौसम में बढ़ाएं गाय-भैंस का दूध भरने लगेगी बाल्टियां जानें A1 फॉर्मूला

बारिश का मौसम इंसानों के साथ-साथ जानवरों के लिए भी कई तरह की समस्याएं लेकर आता है। इसमें गाय-भैंस के दूध में कमी होना एक समस्या और नुकसान के रूप में देखा जाता है। लेकिन इससे पशुपालकों को कई अन्य तरह के नुकसान भी उठाने पड़ते हैं। आज हम जानेंगे कि पशुपालक इस नुकसान से कैसे बच सकते हैं।

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गर्मी में घटता है दूध उत्पादन

सर्दी के मौसम को छोड़ दें तो गर्मी और बारिश के मौसम में कई छोटे-छोटे कारणों से गाय-भैंस के दूध का उत्पादन कम हो जाता है। बारिश के मौसम में संक्रामक बीमारियों की वजह से दूध उत्पादन में कमी आती है। जिससे पशुपालकों को दोगुना नुकसान उठाना पड़ता है। एक तो जानवर के बीमार पड़ने पर उसके इलाज का खर्च और दूसरा बीमारी की वजह से उत्पादन में कमी से होने वाला नुकसान।

जानिए क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स

पशु विशेषज्ञों के मुताबिक जानवरों के रख-रखाव में थोड़ी सी सतर्कता बरतने से इस तरह के दोगुने नुकसान से बचा जा सकता है। खासकर अगर हम पशुशाला में साफ-सफाई का ध्यान रखें और शेड की समय-समय पर मरम्मत भी करवा लें। क्योंकि अगर बारिश का पानी शेड में चला जाए तो कई तरह की बीमारियां फैलने का खतरा रहता है।

एक्सपर्ट्स के मुताबिक अगर पशुओं के बाड़े से पानी टपकता है या बारिश में पानी जमा हो जाता है तो इससे होने वाली गंदगी कई तरह की बीमारियां लेकर आती है। बारिश का पानी गाय-भैंसों के बाड़े में पड़े गोबर-पेशाब से मिलकर कई तरह की बीमारियां पैदा करता है। साथ ही यह गोबर-पेशाब के साथ मिलकर अमोनिया गैस पैदा करता है, जिससे कोक्सीडियोसिस नामक बीमारी भी होती है। घंटों गंदगी में खड़े रहने से जानवरों के खून में संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है, जिससे फुट एंड माउथ डिजीज का भी डर रहता है।

कीचड़ से पैदा होते हैं बैक्टीरिया

एक्सपर्ट का कहना है कि कई जगहों पर देखा जाता है कि बारिश के पानी से पशुओं के बाड़े में कीचड़ जैसी स्थिति बन जाती है, जिसमें कई तरह के बैक्टीरिया पनपने लगते हैं। इन बैक्टीरिया की वजह से जानवरों में गंभीर बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है। साथ ही कीड़े-मकोड़ों का भी खतरा रहता है, जिन्हें पेट के कीड़े भी कहा जाता है। डॉक्टर का कहना है कि ऐसे में बारिश की शुरुआत और बारिश के अंत में जानवरों की दवा करानी चाहिए।

बारिश के मौसम में टिक्स से बचाव

वहीं, बारिश के मौसम में गंदगी और पानी भरने से पशुशाला में नमी भी शुरू हो जाती है, जिससे टिक्स बहुत तेजी से फैलते हैं। बारिश के मौसम में टिक्स जानवरों का खून चूसते हैं। जिससे जानवरों में एनीमिया की बीमारी फैलती है और यही उनकी मौत का कारण भी बनती है। साथ ही बारिश में गंदगी और पानी भरने से मक्खियां भी जानवरों को परेशान करती हैं, जिससे जानवर तनाव में रहता है और दूध उत्पादन कम हो जाता है।

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बारिश के मौसम में सूजते हैं जानवरों के थन

अक्सर देखा जाता है कि बारिश के मौसम में जानवरों के थन सूज जाते हैं। इसका मुख्य कारण जानवरों के आस-पास फैली नमी और गंदा पानी है। इससे कई तरह के तनाव और बीमारियां आती हैं, जिससे दूध उत्पादन कम हो जाता है। साथ ही कई बार जानवर दूध देना ही बंद कर देता है।

Ankush Baraskar

मेरा नाम अंकुश बारस्कर है मैं लगातार 2 वर्षो से डिजिटल मीडिया में कार्य कर रहा हूँ। pradeshtak.com के साथ मैं पिछले 1 वर्ष से जुड़ा हूँ. खेती और देश की मुख्य खबरों में मेरी विशेष रूचि है. देश की हर खबर सबसे पहले पाने के लिए pradeshtak.com के साथ जुड़े रहे।

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