छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य के सरकारी और गैर-सरकारी कर्मचारियों की ऑफिस उपस्थिति को अनुशासित और पारदर्शी बनाने के लिए एक अहम आदेश जारी किया है। इस आदेश के अनुसार अब राज्य के सभी नियमित, संविदा और दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों के लिए कार्यालय में सुबह 10 बजे से शाम 5:30 बजे तक उपस्थित रहना अनिवार्य कर दिया गया है। इसका उद्देश्य सरकारी कार्यों का बेहतर संचालन, निर्देशों का प्रभावी क्रियान्वयन और कर्मचारियों की कार्यक्षमता में वृद्धि करना है।
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अब आधार आधारित उपस्थिति प्रणाली होगी अनिवार्य
सरकार ने 15 जून 2025 से राज्य भर के सभी विभागों में आधार आधारित उपस्थिति प्रणाली को अनिवार्य कर दिया है। इस नई प्रणाली के अंतर्गत सभी कर्मचारियों को प्रतिदिन अपने मोबाइल फोन से आधार प्रमाणीकरण के माध्यम से ऑफिस में उपस्थिति और प्रस्थान समय दर्ज करना अनिवार्य होगा। इससे न केवल उपस्थिति की निगरानी आसान होगी बल्कि पारदर्शिता और जवाबदेही भी बढ़ेगी।
कार्यालय प्रमुखों को मिली बड़ी जिम्मेदारी
हर सरकारी कार्यालय के प्रमुखों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है कि यह प्रणाली उनके अधीनस्थ संस्थानों में समय पर लागू हो। इसके लिए राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (NIC) की तकनीकी सहायता से उपकरणों की उपलब्धता, सॉफ्टवेयर इंस्टॉलेशन और संचालन संबंधी सभी तैयारियां समय रहते पूरी की जाएं। यह पूरी तरह कार्यालय प्रमुखों की जिम्मेदारी होगी कि 15 जून 2025 से यह प्रणाली सुचारु रूप से कार्य करना शुरू कर दे।
आधुनिक तकनीक की ओर बढ़ता प्रशासन
यह आदेश केवल अनुशासन लागू करने का प्रयास नहीं है, बल्कि डिजिटल इंडिया की दिशा में एक ठोस कदम है। आधार आधारित उपस्थिति प्रणाली से प्रशासनिक कार्यों में पारदर्शिता आएगी और कर्मचारी समय के प्रति अधिक जिम्मेदार बनेंगे। इस तकनीकी नवाचार से शासन की विश्वसनीयता भी बढ़ेगी, जिससे आम जनता को बेहतर सेवाएं मिल सकेंगी।
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सरकार की पारदर्शिता और जवाबदेही की दिशा में मजबूत पहल
छत्तीसगढ़ सरकार का यह निर्णय एक दूरदर्शी और ठोस पहल है, जो सरकारी व्यवस्था को अधिक सक्षम, जवाबदेह और पारदर्शी बनाने की दिशा में लिया गया है। सभी कर्मचारियों से अपेक्षा की जा रही है कि वे समय पर अपनी उपस्थिति दर्ज करें और इस नई व्यवस्था को सफल बनाने में सहयोग करें।