मध्यप्रदेश सरकार अब शहरों को बना रही है और भी स्मार्ट। इंदौर, भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर, उज्जैन और सागर में अक्टूबर 2025 से शुरू होंगी इलेक्ट्रिक बसें। कुल 552 बसें सड़कों पर दौड़ेंगी, जिनमें से 472 मिडी बसें (26 सीटर) और 110 मिनी बसें (21 सीटर) होंगी।
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किराया सिर्फ ₹2 प्रति किलोमीटर
बसों का संचालन GCC (Global Capability Center) मॉडल पर होगा। यात्री को सफर के लिए सिर्फ ₹2 प्रति किमी चुकाने होंगे, जो आज की सिटी बसों के मुकाबले काफी सस्ता होगा।
केंद्र सरकार देगी सब्सिडी
प्रत्येक किमी संचालन पर सरकार को खर्च होगा ₹58.14, जिसमें से ₹22 केंद्र सरकार देगी। बस ऑपरेटर को पूरे ₹58.14 प्रति किमी का भुगतान किया जाएगा।
10 नए डिपो और चार्जिंग स्टेशन
भोपाल, इंदौर, उज्जैन और सागर में 10 नए इलेक्ट्रिक बस डिपो और चार्जिंग स्टेशन बनाए जाएंगे।
- भोपाल के बैरागढ़ और कस्तूरबा नगर में डिपो – लागत ₹14 करोड़
- इंदौर के नैता मुंडला और चंदन नगर में – लागत ₹6 करोड़
- उज्जैन और सागर में भी एक-एक डिपो
इसके साथ 41 किमी लंबी हाई टेंशन लाइन भी बिछाई जाएगी, जिससे चार्जिंग सुचारू रहे।
टाइमिंग पैसेंजर के हिसाब से
बसों के रूट और टाइमिंग Comprehensive Mobility Plan के हिसाब से तय होंगे। शताब्दी ट्रेन की टाइमिंग, ऑफिस टाइम और ट्रैफिक पैटर्न को ध्यान में रखकर शेड्यूल बनेगा ताकि यात्रियों को इंतज़ार न करना पड़े।
अब एक कार्ड से मेट्रो, बस और साइकिल का पेमेंट
NCMC (National Common Mobility Card) से अब मेट्रो, बस और साइकिल की सेवा एक ही कार्ड से मिल सकेगी।
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भोपाल में रोज़ 1.52 लाख लोग करते हैं बस का इस्तेमाल
भोपाल में रोज़ाना 1.52 लाख लोग पब्लिक ट्रांसपोर्ट का उपयोग करते हैं, जिनमें से 70% लोग पैदल बस स्टॉप तक पहुंचते हैं। इसलिए 1200 किमी की रोड नेटवर्क कनेक्टिविटी प्लान बनाई गई है ताकि मेट्रो और बस स्टेशनों को अच्छे से जोड़ा जा सके।