भोपाल शहर में अब जल्द ही 100 नई इलेक्ट्रिक बसें सड़कों पर दौड़ती नजर आएंगी। एमपी सरकार ने राजधानी की ट्रांसपोर्ट व्यवस्था सुधारने के लिए हैदराबाद मॉडल अपनाने का फैसला किया है। हैदराबाद से बसें मंगाकर भोपाल की सड़कों पर चलाई जा रही हैं, ताकि परख की जा सके कि यहां के हालात में ये कैसी परफॉर्मेंस देती हैं।
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पहाड़ जैसी सड़कों पर होगी टेस्टिंग
भोपाल में अरवली हिल्स, राजभवन और न्यू मार्केट जैसे इलाकों में चढ़ाई और घाट जैसे रास्ते हैं। यहां पर पहले से ही कुछ इलेक्ट्रिक बसें ट्रायल के तौर पर चलाई गईं, और उनका प्रदर्शन अच्छा रहा। अब MANIT के एक्सपर्ट्स ये तय कर रहे हैं कि किस रूट पर ये बसें आसानी से, फुल पैसेंजर लोड के साथ चल सकेंगी। खासकर ऐसे रूट चुने जाएंगे जहां चढ़ाई ज्यादा है, ताकि बस की ताकत की पूरी जांच हो सके।
BCLL की पूरी तैयारी
भोपाल सिटी लिंक लिमिटेड (BCLL) के डायरेक्टर मनोज राठौर का कहना है कि हर एंगल से तैयारी की जा रही है। एक्सपर्ट्स की राय ली जा रही है, ताकि जब ई-बसें सड़कों पर आएं तो किसी को कोई दिक्कत ना हो।
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भीड़भाड़ बड़ी चुनौती
भोपाल की आबादी करीब 24 लाख है, लेकिन सस्ते पब्लिक ट्रांसपोर्ट का एकमात्र सहारा BCLL की बसें हैं। अभी शहर में करीब 200 CNG लो-फ्लोर बसें चलती हैं, जो अपनी क्षमता से तीन गुना ज्यादा यात्रियों को ढोती हैं। अगर इलेक्ट्रिक बसों की संख्या सीमित रही, तो वही पुराना हाल दोबारा हो सकता है – भीड़ और असुविधा।