Seoni News/संवाददाता बीरेंद्र ठाकुर:- बेहतरीन स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के दावों की जमीनी हकीकत कुछ और ही है। अस्पताल की हालत नाम बड़े और दर्शन छोटे वाली है। चमारी अस्पताल के सरकारी अस्पताल में मरीजों को दवाइयां ही नहीं मिल रही हैं, जबकि राज्य सरकार की ओर से मुफ्त इलाज का राग अलापा जाता है।अस्पताल का मुआयना किया गया तो तमाम मरीजों ने बताया कि अस्पताल की डिस्पेंसरी से दवाइयां नहीं मिलती है। मजबूरीवश बाहर से ही महंगी दवाइयां खरीदनी पड़ती हैं।
मरीज ने बताया इलाज करने जाते हैं नहीं मिल पाती हैं दवाइयां एक दो दवा छोड़कर कोई दवा नहीं मिलती है जब हमने अस्पताल के कर्मचारियों से बात की उन्होंने कहा हम क्या करें जब जिला ही में दवाई का स्टॉक नहीं है हमारे तक कैसे पहुंचेगा इससे यह पता चलता है कि जिले लेवल तक मरीज को दवाई नहीं मिल पा रही मध्य प्रदेश सरकार है तो बड़ी-बड़ी बातें करती हैं जमीनी हकीकत और कुछ है इससे गरीब , मजदूर को मजबूरन प्राइवेट हॉस्पिटलों के चक्कर लगाना पड़ता है इससे उनके जेब पर भारी बोझ पड़ता है ।
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