गुड्डू कावले पांढुरना: शहर में इन दिनों दर्जनों वैध,अवैध और अर्द्ध विकसित कालोनियां निर्माणाधीन है। पर सबसे बड़ा रुपया ना….कहावत अपने सुनी होगी मुझे मिले संस्था जाएं…. में यह पूरा मामला देखा जाए तो एसडीएम कार्यालय, नगरपालिका परिषद होया बिजली विभाग एव नगरीय ग्राम निवेश विभाग से जुड़ा हुवा है।अधिकारी वास्तव में अपनी जिमेदारी निभा ले तो कर्मचारियों की सैलेरी आज ही हो जाएं परन्तु पांढुरना जिला बना है तब से अब तक स्थानीय अधिकारियों का अवैध कालोनी जी के जंजाल की ओर कोई ध्यान नही देता है।साहब शहर की दर्जनों वैध,अवैध और अर्द्ध विकसित कालोनियों का निरीक्षण कर लाखो की आय प्राप्त की जा सकती है। रही बात वैध अर्द्ध विकसित कालोनियों के निर्माण में नगर पालिका परिषद, बिजली विभाग ओर अन्य विभाग के अधिकारी कालोनाइजर को कैसे अनुमतियां दे रहे है। कहीना कही दाल में काला जरूर है? कालोनाइजर ने कालोनी में उपभोक्ताओं को देने वाली मूलभूत सुख सुविधा के बड़े वादे आज दिनांक तक पूरे नहीं किए है। जिसकी सैकड़ों आवेदन निवेदन शहर के एसडीएम कार्यालय, नगरपालिका परिषद हो या बिजली विभाग में देखे जा सकती है।
शहर के विभिन्न वैध अवैध कालोनियों ने आज भी मूलभूत सुविधाओं के लिए लोग परेशान है। उसके बाद भी कालोनी विकास के नाम पर एसडीएम कार्यालय,नगरपालिका परिषद हो या बिजली विभाग एव नगरीय ग्राम निवेश विभाग चंद चढ़ावे में कालोनाइजर को अनुमतियां दे रहे है। परन्तु इस अनुमति के बाद वैध अवैध कालोनाइजर द्वारा कालोनी को कितना विकसित किया की या वैसे ही प्लाट बेच रहे है। इस बात का प्रशासनिक स्तर पर कोई रिकार्ड नहीं है।जिसका खामियाजा शहर के कालोनी वासियों को भुगतान पड़ रहा है कालोनाइजर के प्रचार प्रसार के विपरित उपभोक्ताओं के साथ कालोनाइजर धोखाधड़ी कर रहा है। ओर प्रशासनिक अधिकारी मौन है।साथ ही। सबंधित विभाग के बाबू कालोनाइजर के जेब में देखे जा सकते है।
खेती के मद की जमीन आवासीय मद में परिवर्तित होने के बाद कालोनाइजर नपा में नामांतरण क्यों नहीं करता? और नगरपालिका परिषद ऐसी परिस्थिति में अनुमति कैसे देती है?यह एक बड़ा सवाल है कि शहरी क्षेत्र की जमीन का नामांतरण से नपा को करोड़ों की आय दे सकता है। परन्तु कालोनाइजर लेआउट का नामांतरण नहीं करता है और शहर के जमीन इंवेशमेंट में लाखो के प्लाट खरीदने वाले लोग भी प्लाट का नपा में नामांतरण नहीं करते है जिसके वजह नपा के राजस्व को बड़ी चोट लग रही है। उपभोक्ताओं को अर्द्ध विकसित कालोनी में प्लाट बेच रहे कालोनाइजर पर प्रशासनिक अधिकारी कार्यवाही से पीछे की बजाय माने तो अधिकारी अपनी स्थानांतरण से डरता है। जिसके वजह शहर की नगर पालिका को कोरोडो के राजस्व का नुकसान हो रहा है।जिसका खामियाजा नपा कर्मकारियो की तंखा नहीं होना एक बड़ा उदाहरण शहर के सामने जीवंत है। नपा अपने जिमेदारी का निर्वहन नही कर पा रही है। जिसमे उदासीन जनप्रतिनिधि का होना भी देखा जा रहा है।
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वैध के नाम कालोनाइजर के लुभावने वादे,कालोनि वासियों के लिए बने मुसीबत
शहर में आज भी ऐसी कालोनिया है जहा कालोनि वासियों को ग्राम फीडर से बिजली सप्लाई हो रही है। ओर इस आशय की जानकारी कालोनि वासियों ने सैकड़ों बार एसडीएम कार्यालय से लेकर अन्य सबंधित विभाग के अधिकारियो से निवेदन किया परन्तु कालोनि वासियों को शहरी फीडर से नहीं जोड़ा जा रहा है।कालोनिवासि बताते है कि कालोनाइजर एक नेता का है। ओर कालोनी की मूलभूत सुविधा से सबंधित मांग करे तो स्थानातरण की धमकी देता है।कहता है जैसे है जैसे रहो वरना ठीक नहीं होगा?
इनके कहने
वास्तवि विषय स्वागत योग्य है मैं सहमत हु नपा राजस्व शाखा दल का गठन कर नपा की आय बड़ाने ऐसे प्लाट धारकों के चिन्हाकित कर कार्यवाही करेगे।
नितिन कुमार बिजावे एसएमओ पांढुरना
विनय ठाकुर तहसीलदार पांडुरना
तहसील के रिकार्ड के अनुसार शहर के ऐसे प्लाट धारक को जिनका तहसील राजस्व में नामांतरण है और नपा में नहीं उन लोगो का सीएमओ के साथ समन्वय कर नपा के रिकार्ड में नामांतरण करने की कार्यवाही करेगे।