यदि आप भी अपना ड्राइविंग लाइसेंस या वाहन पंजीकरण करवाना चाहते हैं, तो यह खबर आपके लिए बहुत महत्वपूर्ण है। अक्टूबर 1 से ड्राइविंग लाइसेंस प्राप्त करना मुश्किल हो सकता है। अगले महीने से मध्य प्रदेश के सभी आरटीओ में ये दोनों काम बंद हो सकते हैं।
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वास्तव में, 22 वर्षों से वाहन पंजीकरण और ड्राइविंग लाइसेंस का काम कर रही कंपनी 30 सितंबर से काम बंद करने जा रही है। स्मार्ट चिप कंपनी ने यह जानकारी लिखकर 12 सितंबर को आरटीओ अधिकारियों को दी है। इस कंपनी के बंद होने के बाद काम करने वाले कर्मचारियों की संख्या लगभग 38 रह जाएगी। जिससे ड्राइविंग लाइसेंस और वाहन पंजीकरण बनाने का काम बहुत कम हो जाएगा। इससे लोगों की समस्याएं बढ़ने की संभावना है।
ट्रेनिंग से वाकिब नहीं परिवहन विभाग के कर्मचारी
आरटीओ में क्लर्क कर्मचारियों की कुल संख्या 725 है। जिनमें से 450 कर्मचारी स्मार्ट चिप कंपनी से संबंधित हैं। ये कर्मचारी ड्राइविंग लाइसेंस कार्ड, वाहन पंजीकरण कार्ड आदि के प्रिंटिंग जैसे कई तकनीकी काम भी करते हैं, लेकिन आश्चर्य की बात यह है कि परिवहन विभाग के कर्मचारी ऐसे महत्वपूर्ण काम नहीं जानते हैं।
22 वर्षो में नहीं हुआ बदलाव
आश्चर्यजनक बात यह है कि परिवहन विभाग ने आज तक कोई अन्य वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की है। यदि विभाग किसी संगठन से अस्थायी सेवाएं लेता है, तो उसे पहले सरकार से अनुमति लेनी होती है। लेकिन इस अनुमति पर अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है, जिससे आरटीओ का सारा काम रुक गया है। आपको बता दें कि स्मार्ट चिप कंपनी का यह दायित्व था कि वह विभाग के कर्मचारियों को 3 साल तक तकनीकी प्रशिक्षण दे, लेकिन इन 22 वर्षों में न तो प्रशिक्षण दिया गया और न ही किसी कर्मचारी ने प्रशिक्षण लिया।
अधिकारियों का कहना
आरटीओ अधिकारियों का कहना है कि नई कंपनी के चयन के लिए टेंडर प्रक्रिया चल रही है। तब तक कार्ड प्रिंटिंग के लिए दूसरी व्यवस्था की जा रही है। इसके लिए सरकार को प्रस्ताव भेजा गया है।
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