Sunday, June 8, 2025

स्कूल में लापरवाही तो अब वेतन पर पड़ेगी गाज,शिक्षकों के लिए नया फरमान

अरे बाप रे, एमपी के सरकारी स्कूलों के टीचरों का तो बड़ा लफड़ा है! सालों से शिकायत आ रही है कि कई टीचर तो स्कूल ही नहीं जाते, उनकी जगह कोई और पढ़ा जाता है। और जो जाते भी हैं, वो टाइम पे नहीं पहुँचते। अब हमारे स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह ने भी ये बात मान ली है कि हाँ, कुछ जिलों में तो ऐसा हो रहा है। तो अब सरकार जाग गई है और इन टीचरों को सीधा करने के लिए कड़े कदम उठाने वाली है।

यह भी पढ़िए :- Weather Update: मध्यप्रदेश में गर्मी का ज़ोर गुजरात-राजस्थान से आई लू देखे मौसम रिपोर्ट

टीचरों की अब खैर नहीं

अब इन टीचरों की अटेंडेंस बायोमेट्रिक मशीन से लगेगी। मतलब अंगूठा लगाओ तभी हाजिरी मानी जाएगी। और तो और, ‘सार्थक’ नाम के एक ऐप से इनकी लोकेशन भी ट्रैक होगी। ये ऐप सिर्फ लोकेशन ही नहीं बताएगा, बल्कि और भी जो काम-धाम करते हैं, उसकी भी खबर रखेगा। और जो टीचर इन नियमों को नहीं मानेंगे, उनकी तो सीधी सैलरी कटेगी! सरकार ने ठान ली है कि अब टीचरों की जो ये गायब रहने की आदत है, उसको जड़ से खत्म करना है।

स्कूल शिक्षा विभाग ने इसके लिए नया तरीका निकाला है। अब राज्य के लगभग चार लाख टीचरों की हाजिरी ऑनलाइन लगेगी। इसके लिए ‘सार्थक ऐप’ का इस्तेमाल किया जाएगा।

जुलाई से लगेगी ऑनलाइन हाजिरी

जैसे ही गर्मी की छुट्टियां खत्म होंगी और जुलाई में स्कूल खुलेंगे, टीचरों को अपनी हाजिरी ऑनलाइन लगानी ही पड़ेगी। इस बार तो फेस रिकॉग्निशन सिस्टम (चेहरा पहचान) से हाजिरी लगेगी। अब जो टीचर अपनी जगह किसी और को पढ़ाने भेजते थे, उनकी तो पोल खुल जाएगी!

शुरुआत में ये सिस्टम उज्जैन और नरसिंहपुर जिले में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर लागू होगा। इसको ठीक से चलाने के लिए हर जिले से दो प्रोग्रामर को ट्रेनिंग दी जा रही है।

वैसे तो पूरे राज्य में 99,145 स्कूल हैं, लेकिन अभी सिर्फ 8,051 स्कूलों में ही बच्चों की ऑनलाइन अटेंडेंस लग रही है। मतलब 91,094 स्कूल अभी भी इस जरूरी सिस्टम को फॉलो नहीं कर रहे हैं। जबकि ये सिस्टम कोई ऑप्शन नहीं था, सबको इसे मानना था।

पहले भी ये ऑनलाइन अटेंडेंस का सिस्टम तीन बार (2017, 2020 और 2022 में) ‘शिक्षा मित्र’ ऐप से लागू करने की कोशिश हुई, लेकिन हर बार फेल हो गया। टीचर कभी स्मार्टफोन नहीं होने का बहाना बनाते थे, तो कभी नेटवर्क की प्रॉब्लम बताते थे। इसीलिए ये सिस्टम कभी पूरी तरह से लागू नहीं हो पाया।

लेकिन अब सरकार कह रही है कि कोई गड़बड़ नहीं होगी, अटेंडेंस एकदम सही लगेगी। पहले गाँव में नेटवर्क की दिक्कत होती थी, तो ‘एम शिक्षा मित्र’ ऐप से अटेंडेंस लगती थी। ये ऐप बिना नेटवर्क के भी अटेंडेंस रिकॉर्ड कर लेता था और जैसे ही नेटवर्क आता था, डेटा अपडेट हो जाता था। लेकिन इसमें कई बार गलतियाँ सामने आती थीं। अब इन सब दिक्कतों को दूर करने के लिए ‘सार्थक ऐप’ से टीचरों की अटेंडेंस लगेगी, जिसमें चेहरे से पहचान करके हाजिरी लगेगी।

यह भी पढ़िए :- नाती ने दादा को कुकर से पीटा, हुई मौत,खून से लाल हुआ आँगन मामला दर्ज

स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह ने तो साफ कह दिया है कि अब सरकारी स्कूलों में टीचरों की ऑनलाइन अटेंडेंस ‘सार्थक ऐप’ से पक्की की जाएगी। इस बार इसे अच्छे तरीके से लागू किया जाएगा और जुलाई से इसका इस्तेमाल एकदम जरूरी होगा।

और तो और, ‘सार्थक ऐप’ सिर्फ अटेंडेंस लगाने के लिए ही नहीं होगा। इससे टीचर अपनी लोकेशन की जानकारी के साथ-साथ और भी जरूरी काम कर सकेंगे। अब कर्मचारी और टीचर इसी ऐप से छुट्टी के लिए अप्लाई कर सकेंगे और सरकार से बातचीत भी यहीं से हो जाएगी। मतलब अब सब कुछ ऑनलाइन! देखते हैं, ये नया सिस्टम कितना काम करता है और हमारे सरकारी स्कूलों के टीचर कितने सुधरते हैं!

Hot this week

रक्षाबंधन पर लाड़ली बहनो को मिलेगा तोहफा, बढ़कर मिलेगी लाड़ली बहना योजना की राशि

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने जबलपुर जिले के कुंडम...

ED ने उजागर की करोड़ों की ठगी 25 संपत्तियाँ अटैच, पैसा डबल के नाम पर चल रहा था खेल

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मध्य प्रदेश के बालाघाट जिले...

Topics

spot_img

Related Articles

Popular Categories

spot_imgspot_img