Sunday, September 7, 2025

मध्यप्रदेश के किसानों को विदेश यात्रा का तोहफा, स्पेन भेजे जाएंगे किसान समूह मुख्यमंत्री मोहन यादव का बड़ा ऐलान

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने राज्य के किसानों के हित में एक बड़ा ऐलान किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्पेन में बागवानी, फल उत्पादन और कृषि क्षेत्र का प्रबंधन अत्यंत सराहनीय और अनुकरणीय है। इसी को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार अब प्रदेश के किसान समूहों को स्पेन भेजेगी, जिससे वे वहां की नवीनतम तकनीक को समझ सकें और उसे अपने खेतों में लागू कर सकें।

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मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि 13 से 19 जुलाई तक आयोजित दुबई और स्पेन की निवेश यात्रा बेहद सफल रही। इस यात्रा के दौरान मध्य प्रदेश को कुल 11,119 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं, जिससे राज्य में 14,000 से अधिक लोगों को रोजगार मिलने की संभावना है। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती और ग्रीन एनर्जी आधारित उत्पादों को अंतरराष्ट्रीय बाजार में विशेष महत्व दिया जा रहा है, और मध्य प्रदेश के उत्पाद इन मानकों पर खरे उतरते हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि दुबई और स्पेन में आयोजित “इनवेस्ट इन एमपी” और “एनआरआई चर्चा” कार्यक्रमों में 1000 से अधिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया। इस दौरान दुबई की Texmas संस्था और अरब चैंबर ऑफ कॉमर्स के साथ एमओयू साइन किए गए। साथ ही, स्पेन की Submer Technologies SL के साथ तकनीकी सहयोग और सतत डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर विकास के लिए समझौता हुआ। दुबई से 6801 करोड़ और स्पेन से 4318 करोड़ के निवेश प्रस्ताव मिले, जिनमें से 4000 करोड़ का प्रस्ताव SAF और एडवांस बायोफ्यूल प्रोजेक्ट का है।

मुख्यमंत्री ने उज्जैन स्थित बाबा महाकाल की सावन भादो की शोभायात्रा का भी उल्लेख किया और बताया कि इस आयोजन में मंत्री परिषद के सभी सदस्य विशेष रूप से शामिल हुए। उन्होंने बताया कि अब तक प्रदेश में 21.05 लाख मीट्रिक टन खाद का वितरण किया जा चुका है और किसानों को सुविधा के लिए डबल लॉक केंद्रों पर इलेक्ट्रॉनिक टोकन सिस्टम लागू किया जा रहा है।

इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने जैव विविधता और पर्यावरण संरक्षण के प्रयासों की भी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पचमढ़ी, अचनाकमार-अमरकंटक और पन्ना को बायोस्फीयर रिजर्व घोषित किया जा चुका है और अब कान्हा, पेंच और बांधवगढ़ को भी बायोस्फीयर रिजर्व के रूप में दर्ज कराने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। यह कदम न केवल पर्यावरण संरक्षण को बल देगा, बल्कि पर्यटन और रोजगार के नए अवसर भी पैदा करेगा।

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