प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के तहत बुरहानपुर में राज्य का पहला प्रशिक्षण केंद्र शुरू हो गया है। इस योजना के पहले बैच में 31 हितग्राहियों को चुना गया है, 24 महिलाएं शामिल हैं। इन सभी को केले के रेशों से घर की सजावट के सामान बनाने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। योजना के तहत प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद, प्रमाण पत्र प्रदान किया जाएगा और उन्हें स्वरोजगार के लिए बैंकों से ऋण भी उपलब्ध कराया जाएगा।
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महिला सशक्तिकरण और आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ते कदम
मोहम्मदपुरा में स्थित स्टार स्वरोजगार प्रशिक्षण केंद्र में विश्वकर्मा योजना को भी शामिल किया गया है। इस केंद्र पर ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं और युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए विभिन्न प्रकार के प्रशिक्षण दिए जा रहे हैं। सरकार की ‘एक जिला, एक उत्पाद’ योजना के अंतर्गत केले की फसल को शामिल करते हुए, केले के रेशों से चटाई, झाड़ू, टोकरी, फाइल कवर, रस्सी और घर की सजावट के अन्य सामान बनाने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इस योजना में अधिकतम 27 महिला हितग्राहियों को शामिल किया गया है, जो महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
प्रमाण पत्र के बाद मिलेगी 3 लाख रुपये की ऋण सुविधा
प्रशिक्षण केंद्र की क्षमा दास ने बताया कि प्रशिक्षण के बाद सभी का एक परीक्षा होगा और सफल उम्मीदवारों को केंद्र से प्रमाण पत्र दिया जाएगा। पहले चरण में केले के रेशों से वस्तुएं बनाने की कला सिखाई जा रही है। साथ ही, हितग्राहियों को टूल किट भी प्रदान की जाएगी। विश्वकर्मा योजना के तहत महिलाओं और युवाओं को कुशल रोजगार प्रदान करते हुए उन्हें 3 लाख रुपये का लोन भी दिया जाएगा।
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5 प्रतिशत ब्याज दर पर 2 चरणों में दिया जायेगा लोन
इस योजना के तहत लाभार्थियों को सिर्फ 5 प्रतिशत ब्याज दर पर लोन प्रदान किया जाएगा। यह लोन दो चरणों में दिया जाएगा, जिसमें पहले चरण में 1 लाख रुपये का लोन और दूसरे चरण में उद्योग के विस्तार के लिए 2 लाख रुपये का लोन दिया जाएगा। इस योजना के माध्यम से महिलाओं और युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने और उन्हें स्वरोजगार के नए अवसर प्रदान करने का लक्ष्य है।