Chhapara News/संवाददाता बीरेंद्र ठाकुर:- पिछले 15 दिनों से अधिक समय से वैनगंगा तट गोल्डन टेंपल के सामने डूब क्षेत्र की भूमि पर भू माफियाओं के द्वारा किए जा रहे कब्जों पर प्रशासन ने बुलडोजर चलाते हुए करोड़ों की सरकारी भूमि को अतिक्रमण से मुक्त करने की कार्यवाही की हैं।
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दरअसल 30 अगस्त को दोपहर एक बजे नगर के बैंनगंगा नदी के श्री लक्ष्मी नारायण गोल्डन टेंपल के सामने मैदान पर हो रहे अवैध निर्माण कार्य पर स्थानीय प्रशासन की राजस्व, पुलिस एवं नगर परिषद विभाग अपने दल-बल के साथ पहुंचकर डूब क्षेत्र की भूमि पर हो रहे अवैध कब्जों को हटाने एवं पक्के निर्माण कार्य पर रोक लगाई गई साथ ही मैदान के एक हिस्से में हो रहे एक सामाजिक भवन का निर्माण क्षेत्रफल का नाप-जोख कराकर संबंधित कब्जाधारियों को मौके पर अतिरिक्त निर्माण कार्य किए जाने पर आगामी दिनों में अपने दस्तावेजों को प्रस्तुत करने के निर्देश तहसीलदार नितिन चौधरी द्वारा नगर परिषद उपयंत्री दीपक उईके को दिए गए वहीं मौके पर कब्जाधारियों से तहसीलदार नितिन चौधरी ने पूछा की किस अनुमति के आधार पर उक्त भूमि पर निर्माण कार्य शुरू करवाया गया.
जिसका निर्माण कर्त्ताओं ने गोलमोल जवाब दिया वहीं उक्त हो रहे निर्माण कार्य पर जबाबदेही किसकी होगी यह भी पूछा गया। दरअसल विगत 18 अगस्त से जोर-शोर से युद्ध स्तर पर नदी किनारे एक विशेष समुदाय वर्ग के लोगों के द्वाराअपनी मर्जी से पक्का निर्माण कार्य भवन का शुरू किया गया जिसको देख अन्य समाजों के द्वारा उक्त भूमि पर कब्जा करने की होड़ सी लग गई जिसको संज्ञान लेते हुए 30 अगस्त शुक्रवार को दोपहर राजस्व विभाग द्वारा हो रहे निर्माण कार्य पर रोक लगा दी गई है और निर्माण कार्य कर रहे व्यक्तियों को आगामी दो से तीन दिनों में अपने निर्माण कार्य स्थल के भूमि दस्तावेजों के साथ उपस्थित होने के लिए कहा गया है।
सिंचाई विभाग की भूमि होने के बाद भी नहीं पहुंचे जिम्मेदार
पिछले 15 दिनों से अधिक समय से नगर के नदी घाट पर डूब क्षेत्र की भूमि में कब्जा करने की कवायद अनेकों क्षेत्रीय सामाजिक संगठनों के द्वारा की जा रही थी जिसे लेकर सिंचाई विभाग के द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई जो समझ से परे हैं।ज्ञात हो कि लक्ष्मी नारायण मंदिर के सामने का मैदान नगर सहित क्षेत्रीय ग्रामीणों के पर्यटन के लिए अति आवश्यक है जहां आए दिन धार्मिक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं तीज-त्योहारों में मेलों का आयोजन किए जाते हैं वहीं दूसरी ओर मूर्ति विसर्जन कुंड भी प्रति वर्ष बनाकर उक्त भूमि क्षेत्रफल में मूर्तियों का विसर्जन कार्य भी संपन्न किया जाता है। नगर वासियों की ओर से मैदान को सुरक्षित रखने की अपील की गई है।
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