Bhopal News : भोपाल नगर निगम की हालिया बैठक में कई बड़े निर्णय लिए गए हैं जो शहर के नागरिकों और कर्मचारियों को सीधे प्रभावित करेंगे। इन निर्णयों में 1000 कर्मचारियों की नियमित नियुक्ति, राजधानी की ऐतिहासिक जगहों के नाम परिवर्तन से लेकर तालाबों में प्रतिमा विसर्जन पर रोक तक जैसे संवेदनशील मुद्दे शामिल हैं। साथ ही कुछ प्रस्तावों पर भारी हंगामा भी देखने को मिला।
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1000 कर्मचारियों की होगी नियमित नियुक्ति
बैठक की सबसे अहम घोषणा रही नगर निगम में कार्यरत 1000 कर्मचारियों की नियमित नियुक्ति का निर्णय। लंबे समय से संविदा पर काम कर रहे इन कर्मचारियों को अब स्थायी नियुक्ति मिलेगी। यह फैसला कर्मचारियों के भविष्य की सुरक्षा की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
भोपाल के ऐतिहासिक नामों में बदलाव का प्रस्ताव
बैठक में राजधानी भोपाल के अशोका गार्डन क्षेत्र का नाम बदलकर “रामबाग” करने और हमीदिया अस्पताल, कॉलेज व स्कूल का नाम पूर्व विधायक रमेश शर्मा ‘गुट्टू भैया’ के नाम पर रखने का प्रस्ताव पास किया गया। इस पर विपक्ष ने तीखी प्रतिक्रिया दी। विशेषकर नवाब हमीदुल्लाह को “गद्दार” कहे जाने पर भारी हंगामा हुआ और सदन को स्थगित करना पड़ा।
तालाबों में प्रतिमा विसर्जन पर रोक, बनेगी 6 विसर्जन कुंड
वेटलैंड साइट संरक्षण परियोजना के तहत बड़े तालाब और छोटे तालाब में प्रतिमा विसर्जन पर रोक लगाई गई है। इसके स्थान पर बीयू, नीलबड़, संजीव नगर, मलिखेड़ी, प्रेमपुरा सहित 6 जगहों पर लगभग ₹25 करोड़ की लागत से विसर्जन कुंड बनाए जाएंगे। यह कदम पर्यावरण संरक्षण की दिशा में सराहनीय माना जा रहा है।
पार्षदों की नाराज़गी दूर करने के लिए विकास कार्यों पर तेजी
पार्षदों की नाराज़गी को देखते हुए यह भी निर्णय लिया गया कि वार्ड विकास कार्यों की फाइलों पर 30 दिनों में टेंडर और 60 दिनों में वर्क ऑर्डर जारी किया जाएगा। इससे कार्यों की गति बढ़ने की उम्मीद है।
कुछ और पास हुए प्रमुख प्रस्ताव
- महाशिवरात्रि पर मांस की दुकानें बंद रहेंगी।
- 80 फीट रोड चौराहा का नाम “विवेकानंद चौक” किया जाएगा।
- शहर में 24 दुकानों और दो मैरिज गार्डन के निर्माण की जांच होगी।
- 8,000 सफाईकर्मियों को यूनिफॉर्म, रेनकोट और स्वास्थ्य जांच की सुविधा दी जाएगी।
- अवैध पार्किंग की दोबारा सर्वे कर पहचान की जाएगी।
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विपक्ष ने उठाए जनहित के मुद्दे
कांग्रेस पार्षद शबिस्ता ज़की ने आरोप लगाया कि एजेंडे में जनता से जुड़े मुद्दे जैसे गड्ढेदार सड़कें, जलभराव और सीवरेज जैसी समस्याएं शामिल नहीं की गईं। पार्षद अज़ीज़ुद्दीन ने वीआईपी रोड के पास चौपाटी निर्माण की मांग उठाई और अधिकारियों द्वारा फोन न उठाने की शिकायत की। पार्षद शिरीन ने जन्म-मृत्यु विभाग के प्रभारी अधिकारी पर दर्ज केस को लेकर आपत्ति जताई।