सतना ज़िले के कोठी तहसील के बरहना सेवा सहकारी समिति में भारी धांधली सामने आई है। यहाँ के कंप्यूटर ऑपरेटर और पटवारी ने मिलकर एक पूरे गांव के आधे से ज़्यादा किसानों के नाम से फर्ज़ी रजिस्ट्रेशन कर डाले। जब केंद्र पर तुलाई शुरू हुई तो सैकड़ों क्विंटल अनाज इन्हीं फर्ज़ी रजिस्ट्रेशन पर बेच दिया गया। असली किसानों को भनक तक नहीं लगी और पैसों का भुगतान भी कर दिया गया।
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कैसे हुआ घोटाला?
किसान रोहन मिश्रा ने बताया कि हर साल किसान बरहना समिति के ज़रिए अपना अनाज समर्थन मूल्य पर बेचते हैं। समिति के पास उनकी ज़मीन से लेकर बैंक खाते तक की जानकारी होती है। इसी का फ़ायदा उठाकर समिति के कर्मचारियों ने व्यापारियों से साठगांठ कर बाहर से गेहूं मंगवाया और किसानों के नाम पर बेच डाला। पैसे भी दूसरे लोगों के खातों में ट्रांसफर हुए।
मुख्यमंत्री से की शिकायत
घोटाले से नाराज़ किसानों ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से शिकायत की है। रोहन मिश्रा, राहुल मिश्रा, अनिल सिंह समेत दर्जनों किसानों ने फर्ज़ी दस्तावेज़ और रजिस्ट्रेशन की प्रतियां भी सौंपी हैं। किसानों का कहना है कि उनकी ज़मीन पर किसी और ने गेहूं बेच दिया और उन्हें भनक तक नहीं लगी।
करोड़ों की लूट, असली किसान परेशान
1952 क्विंटल गेहूं, 644 क्विंटल चना और 877 क्विंटल धान की तुलाई फर्ज़ी नामों पर हुई। कंप्यूटर ऑपरेटर शैलेन्द्र सिंह, पटवारी अंबिका प्रसाद और अन्य के नाम पर करीब ₹60 लाख की पेमेंट हो चुकी है। यानी जमीन किसी की, अनाज कहीं से और पैसा किसी और को।
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पहले भी हो चुका है ऐसा खेल
पिछले सीजन में भी 93 लाख रुपये का गेहूं घोटाला करिगोही केंद्र पर सामने आया था। और धान की खरीद में रिकॉर्ड पर अनाज दिखाकर उसे गोदामों से गायब कर दिया गया। पुलिस अब तक जांच ही कर रही है।