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हाईकोर्ट का मोहन सरकार से सवाल, महीने भर के अंदर देना होगा जवाब

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने मुख्यमंत्री मोहन यादव की सरकार से बड़ा सवाल पूछा है – “जब पूरे देश की विधानसभा डिजिटल हो रही है, तो फिर मध्य प्रदेश विधानसभा की कार्यवाही आम जनता को लाइव क्यों नहीं दिखाई जा रही?”

कांग्रेस के दो विधायकों, सचिन यादव और प्रताप ग्रेवाल की ओर से दाखिल जनहित याचिका (PIL) पर इंदौर बेंच के जस्टिस विवेक रूसिया और जस्टिस गजेंद्र सिंह ने राज्य सरकार को नोटिस जारी कर चार हफ्तों में जवाब माँगा है। इस मामले की अगली सुनवाई 16 जून को हो सकती है।

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जनता को क्यों नहीं दिख रही विधानसभा की कार्यवाही?

कांग्रेस विधायकों के वकील जयेश गुर्नानी ने बताया कि याचिका में कहा गया है कि केंद्र सरकार की National e-Vidhan Application (NeVA) स्कीम के तहत देश की सभी विधानसभाओं को डिजिटल हाउस बनाया जा रहा है। लेकिन, मध्य प्रदेश सरकार ने अब तक कोई पुख्ता कदम नहीं उठाया है ताकि विधानसभा की कार्यवाही जनता को लाइव दिखाई जा सके।

गुर्नानी ने बताया कि इस स्कीम के तहत केंद्र सरकार ने करीब ₹21 करोड़ रुपए भी मध्य प्रदेश विधानसभा को दिए हैं, ताकि इसे डिजिटल बनाया जा सके। लेकिन इसके बावजूद न तो लाइव टेलिकास्ट शुरू हुआ है, न ही कोई स्पष्ट योजना सामने आई है।

यह भी पढ़िए :- Weather Update: मध्यप्रदेश में गर्मी का ज़ोर गुजरात-राजस्थान से आई लू देखे मौसम रिपोर्ट

जनता को जानने का हक

याचिका में यह भी कहा गया है कि जब कार्यवाही लाइव नहीं होती, तो आम जनता को ये मालूम ही नहीं चलता कि उनके चुने हुए विधायक विधानसभा में उनके मुद्दे उठा भी रहे हैं या नहीं।अब सरकार को इस नोटिस का जवाब चार हफ्तों में देना है। देखना ये होगा कि क्या सरकार जनता को विधानसभा की कार्यवाही दिखाने की दिशा में कोई ठोस कदम उठाएगी या नहीं।

Ankush Baraskar

मेरा नाम अंकुश बारस्कर है मैं लगातार 2 वर्षो से डिजिटल मीडिया में कार्य कर रहा हूँ। pradeshtak.com के साथ मैं पिछले 1 वर्ष से जुड़ा हूँ. खेती और देश की मुख्य खबरों में मेरी विशेष रूचि है. देश की हर खबर सबसे पहले पाने के लिए pradeshtak.com के साथ जुड़े रहे।

हाईकोर्ट का मोहन सरकार से सवाल, महीने भर के अंदर देना होगा जवाब

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने मुख्यमंत्री मोहन यादव की सरकार से बड़ा सवाल पूछा है – “जब पूरे देश की विधानसभा डिजिटल हो रही है, तो फिर मध्य प्रदेश विधानसभा की कार्यवाही आम जनता को लाइव क्यों नहीं दिखाई जा रही?”

कांग्रेस के दो विधायकों, सचिन यादव और प्रताप ग्रेवाल की ओर से दाखिल जनहित याचिका (PIL) पर इंदौर बेंच के जस्टिस विवेक रूसिया और जस्टिस गजेंद्र सिंह ने राज्य सरकार को नोटिस जारी कर चार हफ्तों में जवाब माँगा है। इस मामले की अगली सुनवाई 16 जून को हो सकती है।

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कांग्रेस विधायकों के वकील जयेश गुर्नानी ने बताया कि याचिका में कहा गया है कि केंद्र सरकार की National e-Vidhan Application (NeVA) स्कीम के तहत देश की सभी विधानसभाओं को डिजिटल हाउस बनाया जा रहा है। लेकिन, मध्य प्रदेश सरकार ने अब तक कोई पुख्ता कदम नहीं उठाया है ताकि विधानसभा की कार्यवाही जनता को लाइव दिखाई जा सके।

गुर्नानी ने बताया कि इस स्कीम के तहत केंद्र सरकार ने करीब ₹21 करोड़ रुपए भी मध्य प्रदेश विधानसभा को दिए हैं, ताकि इसे डिजिटल बनाया जा सके। लेकिन इसके बावजूद न तो लाइव टेलिकास्ट शुरू हुआ है, न ही कोई स्पष्ट योजना सामने आई है।

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जनता को जानने का हक

याचिका में यह भी कहा गया है कि जब कार्यवाही लाइव नहीं होती, तो आम जनता को ये मालूम ही नहीं चलता कि उनके चुने हुए विधायक विधानसभा में उनके मुद्दे उठा भी रहे हैं या नहीं।अब सरकार को इस नोटिस का जवाब चार हफ्तों में देना है। देखना ये होगा कि क्या सरकार जनता को विधानसभा की कार्यवाही दिखाने की दिशा में कोई ठोस कदम उठाएगी या नहीं।

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