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पेट्रोल-डीजल, खाने-पीने की चीजें, नौकरी और बिजनेस सब पर पड़ेगा असर, IIM की बड़ी चेतावनी

अगर अचानक से नैचुरल गैस, चीनी और कॉफी जैसी चीजों के दाम गिर जाएं, तो पूरी दुनिया की इकॉनमी हिल सकती है। इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट (IIM) इंदौर ने एक रिसर्च में ये चेतावनी दी है। इस स्टडी में पता चला है कि अगर इन जरूरी चीजों के दाम गिरते हैं, तो पेट्रोल-डीजल, खाने-पीने की चीजें, नौकरी और बिजनेस सब पर असर पड़ेगा। मतलब, सिर्फ महंगाई से ही नहीं, बल्कि चीजों के सस्ते होने से भी डरने की जरूरत है।

यह भी पढ़िए :- 44 हजार करोड़ की योजना से बदलेगी तस्वीर,MP की सूखी नदी अब रहेगी पानी से लबालब, 10 जिलों को मिलेगा जीवनदान

दाम क्यों गिरते हैं?

जैसे ताश के पत्तों की लाइन में एक पत्ता गिरता है तो सारे गिर जाते हैं, वैसे ही इस रिसर्च में पता चला है कि अगर एक जरूरी चीज का दाम गिरता है, तो उसकी वजह से दूसरी चीजों के दाम भी गिर सकते हैं। आम तौर पर इसका असर 33 परसेंट तक होता है, लेकिन अगर मार्केट में गड़बड़ी हो तो ये 88 परसेंट तक बढ़ सकता है।

इन चीजों पर है सबसे ज्यादा खतरा:

  • नैचुरल गैस, चीनी और कॉफी – ये तीन चीजें ऐसी हैं जिनके दाम गिरने का सबसे ज्यादा खतरा है।
  • सोना और चांदी जैसी कीमती चीजें – इनके दाम गिरने का खतरा कम है, मतलब ये काफी हद तक सेफ हैं।

कुछ खास बातें:

  • सट्टा (Speculation): जब लोग बिना किसी पक्की वजह के अंदाजे लगाते हैं कि दाम बढ़ेंगे या घटेंगे।
  • हेजिंग का दबाव (Hedging pressure): जब कंपनियां नुकसान से बचने के लिए पहले से ही डील कर लेती हैं।
  • आधार जोखिम (Basis risk): ये एक तरह से मार्केट को स्थिर रखने में भी मदद करता है।

आम लोगों पर क्या होगा असर?

  • अगर आप बिजनेस करते हैं या शेयर मार्केट में पैसा लगाते हैं, तो ये रिसर्च आपको सावधान रहने की सलाह देती है।
  • अगर आप आम ग्राहक हैं, तो समझ लीजिए कि इन चीजों के दाम गिरने से भी आपको नुकसान हो सकता है। चाहे वो दामों में अस्थिरता हो या आपकी नौकरी पर असर पड़े।

खतरे का अंदाज़ा कैसे लगाया?

IIM इंदौर के प्रोफेसर देबाशीष मैत्रा और उनकी टीम ने 17 जरूरी चीजों का अध्ययन किया। उनका कहना है कि ये रिपोर्ट सरकार और निवेशकों के लिए बहुत काम की साबित होगी, जिससे मार्केट में अचानक होने वाले उतार-चढ़ाव के असर को कम किया जा सकेगा।

  1. नीचे से ऊपर की ओर गति (Down-to-up motility): ये दिखाता है कि कीमतें कितनी तेजी से नीचे जाती हैं।
  2. नकारात्मक विषमता गुणांक (Negative Coefficient of Skewness): इससे ये पता चलता है कि गिरावट का पैटर्न कितना तेज है।

यह भी पढ़िए :- मध्यप्रदेश सरकार का कर्मचारियों को बड़ा तोहफा, आठ साल बाद प्रमोशन का रास्ता साफ

आम लोगों पर असर:

  • अगर नैचुरल गैस का दाम गिरता है, तो कंपनियों का मुनाफा कम होगा जिससे नौकरियों पर खतरा आ सकता है।
  • चीनी और कॉफी के दाम गिरने से किसानों को नुकसान होगा और उनकी कमाई कम हो जाएगी।
  • मार्केट में उथल-पुथल होने से शेयर मार्केट से जुड़े लाखों निवेशकों को नुकसान होगा और बहुत से लोग परेशान होंगे।

Ankush Baraskar

मेरा नाम अंकुश बारस्कर है मैं लगातार 2 वर्षो से डिजिटल मीडिया में कार्य कर रहा हूँ। pradeshtak.com के साथ मैं पिछले 1 वर्ष से जुड़ा हूँ. खेती और देश की मुख्य खबरों में मेरी विशेष रूचि है. देश की हर खबर सबसे पहले पाने के लिए pradeshtak.com के साथ जुड़े रहे।

पेट्रोल-डीजल, खाने-पीने की चीजें, नौकरी और बिजनेस सब पर पड़ेगा असर, IIM की बड़ी चेतावनी

अगर अचानक से नैचुरल गैस, चीनी और कॉफी जैसी चीजों के दाम गिर जाएं, तो पूरी दुनिया की इकॉनमी हिल सकती है। इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट (IIM) इंदौर ने एक रिसर्च में ये चेतावनी दी है। इस स्टडी में पता चला है कि अगर इन जरूरी चीजों के दाम गिरते हैं, तो पेट्रोल-डीजल, खाने-पीने की चीजें, नौकरी और बिजनेस सब पर असर पड़ेगा। मतलब, सिर्फ महंगाई से ही नहीं, बल्कि चीजों के सस्ते होने से भी डरने की जरूरत है।

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दाम क्यों गिरते हैं?

जैसे ताश के पत्तों की लाइन में एक पत्ता गिरता है तो सारे गिर जाते हैं, वैसे ही इस रिसर्च में पता चला है कि अगर एक जरूरी चीज का दाम गिरता है, तो उसकी वजह से दूसरी चीजों के दाम भी गिर सकते हैं। आम तौर पर इसका असर 33 परसेंट तक होता है, लेकिन अगर मार्केट में गड़बड़ी हो तो ये 88 परसेंट तक बढ़ सकता है।

इन चीजों पर है सबसे ज्यादा खतरा:

  • नैचुरल गैस, चीनी और कॉफी – ये तीन चीजें ऐसी हैं जिनके दाम गिरने का सबसे ज्यादा खतरा है।
  • सोना और चांदी जैसी कीमती चीजें – इनके दाम गिरने का खतरा कम है, मतलब ये काफी हद तक सेफ हैं।

कुछ खास बातें:

  • सट्टा (Speculation): जब लोग बिना किसी पक्की वजह के अंदाजे लगाते हैं कि दाम बढ़ेंगे या घटेंगे।
  • हेजिंग का दबाव (Hedging pressure): जब कंपनियां नुकसान से बचने के लिए पहले से ही डील कर लेती हैं।
  • आधार जोखिम (Basis risk): ये एक तरह से मार्केट को स्थिर रखने में भी मदद करता है।

आम लोगों पर क्या होगा असर?

  • अगर आप बिजनेस करते हैं या शेयर मार्केट में पैसा लगाते हैं, तो ये रिसर्च आपको सावधान रहने की सलाह देती है।
  • अगर आप आम ग्राहक हैं, तो समझ लीजिए कि इन चीजों के दाम गिरने से भी आपको नुकसान हो सकता है। चाहे वो दामों में अस्थिरता हो या आपकी नौकरी पर असर पड़े।

खतरे का अंदाज़ा कैसे लगाया?

IIM इंदौर के प्रोफेसर देबाशीष मैत्रा और उनकी टीम ने 17 जरूरी चीजों का अध्ययन किया। उनका कहना है कि ये रिपोर्ट सरकार और निवेशकों के लिए बहुत काम की साबित होगी, जिससे मार्केट में अचानक होने वाले उतार-चढ़ाव के असर को कम किया जा सकेगा।

  1. नीचे से ऊपर की ओर गति (Down-to-up motility): ये दिखाता है कि कीमतें कितनी तेजी से नीचे जाती हैं।
  2. नकारात्मक विषमता गुणांक (Negative Coefficient of Skewness): इससे ये पता चलता है कि गिरावट का पैटर्न कितना तेज है।

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आम लोगों पर असर:

  • अगर नैचुरल गैस का दाम गिरता है, तो कंपनियों का मुनाफा कम होगा जिससे नौकरियों पर खतरा आ सकता है।
  • चीनी और कॉफी के दाम गिरने से किसानों को नुकसान होगा और उनकी कमाई कम हो जाएगी।
  • मार्केट में उथल-पुथल होने से शेयर मार्केट से जुड़े लाखों निवेशकों को नुकसान होगा और बहुत से लोग परेशान होंगे।

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