अरे भाई, सुनो! मध्यप्रदेश की मोहन सरकार ने अपने कर्मचारियों को एकदम झक्कास खुशखबरी दी है। जो प्रमोशन आठ साल से अटका पड़ा था न, अब उसका रास्ता खुल गया है! इससे अपने चार लाख से भी ज़्यादा अफसर और कर्मचारियों को फायदा होगा, समझ रहे हो?
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने खुद ये गुड न्यूज़ सुनाई है। कैबिनेट मीटिंग के बाद मंगलवार को एक वीडियो मैसेज में उन्होंने बताया कि सरकार ने नए नियम-कायदे बनाकर प्रमोशन की तैयारी कर ली है। इस खबर से कर्मचारियों के बीच एकदम खुशी की लहर दौड़ गई है।
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ये जो कदम उठाया है न सरकार ने, ये सिर्फ कर्मचारियों के फायदे का नहीं है, बल्कि अपना सरकारी कामकाज भी और मजबूत होगा। हाँ, प्रमोशन में रिजर्वेशन का मामला अभी सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है, लेकिन सरकार ने दूसरा तरीका निकालकर इस प्रोसेस को आगे बढ़ाने का फैसला कर लिया है।
मेरिट और सीनियरिटी का चलेगा सिक्का
सरकारी सूत्रों की मानें तो, प्रमोशन के नए नियमों में मेरिट के साथ-साथ सीनियरिटी को भी तवज्जो दी जाएगी। मतलब, जो लायक होगा और जो पुराना कर्मचारी होगा, दोनों का ध्यान रखा जाएगा। और ये जो तरक्की मिलेगी न, इसका फायदा कर्मचारियों को 1 अप्रैल 2025 से मिलना शुरू हो जाएगा। सभी विभागों के बड़े अफसरों को बोल दिया गया है कि डिपार्टमेंटल प्रमोशन कमेटी (डीपीसी) की मीटिंग करो और जैसे ही कैबिनेट से नियम पास हों, तुरंत ऑर्डर निकालो।
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जिन कर्मचारियों को पहले एक्टिंग पोस्ट पर टेम्परेरी प्रमोशन मिला था, उनका भी दोबारा डीपीसी होगा, ताकि उनको भी बड़े पोस्ट का फायदा मिल सके। और सबसे बढ़िया बात तो ये है कि 2002 से जितने भी SC और ST कर्मचारी प्रमोट हुए हैं, उनको अब नीचे नहीं किया जाएगा। सरकार ने ये फैसला कर्मचारियों के बीच बैलेंस बनाए रखने के लिए किया है।
समझ रहे हो? अब अपने मध्य प्रदेश के कर्मचारियों के अच्छे दिन आने वाले हैं! आठ साल का लंबा इंतजार अब खत्म हुआ। मोहन सरकार ने वाकई में बड़ा दिल दिखाया है!