मध्य प्रदेश सरकार तो नदियों को बचाने और उनमें हमेशा पानी भरा रखने के लिए एकदम कमर कस ली है। पानी की किल्लत तो आजकल बड़ी परेशानी बन गई है, और इससे निपटने के लिए सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है। केन और बेतवा नदियों को आपस में जोड़ने का भारी भरकम प्रोजेक्ट शुरू कर दिया है! इससे बुंदेलखंड इलाके में जो पानी की दिक्कत है, वो एकदम दूर हो जाएगी। सुना है, इस प्रोजेक्ट में 44 हजार 605 करोड़ रुपये लगेंगे और 10 जिलों के किसानों को सिंचाई के लिए पानी मिलेगा।
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केन और बेतवा को जोड़ने का प्लान
बुंदेलखंड में पानी की कमी तो बरसों पुरानी बीमारी है। इसी को जड़ से मिटाने के लिए सरकार ने केन और बेतवा नदियों को मिलाने का प्लान बनाया है। दोनों नदियों को एक नहर से जोड़ा जाएगा, जिससे इलाके में पानी की किल्लत खत्म हो जाएगी। इस प्रोजेक्ट से बुंदेलखंड के पूरे 10 जिलों में पानी की सप्लाई एकदम चकाचक हो जाएगी।
केन है बुंदेलखंड की जान
अरे, ये जो केन नदी है ना, ये मध्य प्रदेश के कटनी जिले के विंध्याचल पहाड़ों से निकलती है। फिर ये पन्ना जिले से बहती हुई उत्तर प्रदेश के बांदा जिले तक जाती है, और कुल मिलाकर 427 किलोमीटर का सफर तय करती है। अब जब ये नदी बेतवा से जुड़ जाएगी, तो इसका पानी बेकार नहीं जाएगा और केन नदी में पूरे साल पानी भरा रहेगा, एकदम लबालब!
230 किलोमीटर लंबी नहर जोड़ेगी दोनों को
इस प्रोजेक्ट के तहत छतरपुर जिले में केन नदी पर एक बड़ा सा बांध बनेगा, जिसका नाम है दौधन बांध। ये पन्ना जिले की सीमा के पास खजुराहो के नजदीक बनेगा। इसी बांध से एक 230 किलोमीटर लंबी नहर निकलेगी, जो केन और बेतवा नदियों को आपस में मिला देगी। इस नहर का पानी बुंदेलखंड के निवाड़ी और उत्तर प्रदेश के झांसी जिले तक पहुंचेगा, जिससे इन इलाकों में पानी की जो मारामारी है, वो खत्म हो जाएगी।
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मध्यप्रदेश के 10 जिलों को होगा फायदा
ये केन-बेतवा लिंक प्रोजेक्ट मध्य प्रदेश के पूरे 10 जिलों के किसानों के लिए एकदम वरदान साबित होगा – टीकमगढ़, निवाड़ी, पन्ना, छतरपुर, सागर, दमोह, दतिया, विदिशा, शिवपुरी और रायसेन। इसके साथ ही, उत्तर प्रदेश के भी 4 जिलों को इसका फायदा मिलेगा। इस प्रोजेक्ट की वजह से लगभग 9.5 लाख किसानों को सिंचाई के लिए पानी मिलेगा और 62 लाख लोगों को पीने का पानी नसीब होगा। वाह! सरकार ने तो एकदम कमाल कर दिया!