मध्य प्रदेश सरकार में बड़ा बदलाव होने जा रहा है। अब अगर किसी विभाग में अपर मुख्य सचिव (ACS), प्रमुख सचिव (PS) या सचिव की बदली होती है, तो भी विभाग की प्राथमिकताएं नहीं बदलेंगी। यानी जो भी काम जनहित से जुड़े हैं, वो हर हाल में पूरे करने होंगे।
मुख्य सचिव अनुराग जैन ने पहली बार विभागीय कामों और प्राथमिकताओं का एक ठोस ब्लूप्रिंट तैयार किया है, ताकि प्रशासनिक कामकाज में निरंतरता बनी रहे और योजनाएं समय पर पूरी हों।
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हर विभाग को देना होगा साल भर का हिसाब
मुख्य सचिव ने आदेश दिए हैं कि अब हर विभाग को पिछले साल की उपलब्धियों का लेखा-जोखा देना होगा। साथ ही अगला साल कैसे बेहतर बने, इसकी रणनीति भी तैयार करनी होगी। विभाग को ये भी बताना होगा कि कौन-से काम सफल रहे, कहां सुधार की ज़रूरत है और किन योजनाओं को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।
अब CR पर भी असर डालेगा काम
सूत्रों की मानें तो इस नए सिस्टम का असर अधिकारियों की गोपनीय रिपोर्ट (CR) पर भी दिख सकता है। जिन अधिकारियों के विभाग जनहित की योजनाओं में बेहतर प्रदर्शन करेंगे, उनकी CR भी बेहतर होगी। अब काम ही असली पहचान बनेगा।
पहले बदलते ही बदल जाती थी दिशा
अब तक होता ये था कि जैसे ही किसी विभाग का सचिव बदलता था, लगभग 50% योजनाएं या तो रुक जाती थीं या नई शुरुआत होती थी। इससे जनता को नुकसान होता था और कर्मचारियों को भी परेशानी। अब ये अस्थिरता खत्म होगी।
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इन बिंदुओं पर होगी विभागों की जांच
- बीते साल किए गए खास काम और अगली योजनाएं
- ‘विजन 2047’ के लिए विभाग की तैयारी
- गरीबों, किसानों, युवाओं और महिलाओं के लिए योजनाएं
- मुख्यमंत्री प्राथमिकता से जुड़ी योजनाओं की स्थिति
- पिछले साल के लक्ष्य और अगले साल की प्लानिंग
- विभागीय संकल्पों की स्थिति और एक्शन प्लान
- केंद्र सरकार की योजनाओं की प्रगति
- केंद्र से मिले पत्रों का समाधान