Saturday, September 13, 2025

पैरामेडिकल कॉलेजों की मान्यता और प्रवेश प्रक्रिया पर बनी रहेगी रोक, नर्सिंग मामले में हाईकोर्ट ने मांगी जांच रिपोर्ट और अधिकारियों की सूची

मध्यप्रदेश में नर्सिंग और पैरामेडिकल कॉलेजों की मान्यता और प्रवेश प्रक्रिया में अनियमितताओं को लेकर हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है। हाईकोर्ट ने पूरे प्रदेश में पैरामेडिकल कॉलेजों की मान्यता और प्रवेश प्रक्रिया पर लगी रोक को हटाने से इनकार कर दिया है। यह निर्णय लॉ स्टूडेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष विशाल बघेल की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए लिया गया।

यह भी पढ़िए – उज्जैन में डॉक्टर की सतर्कता ने बचाई युवक की जान, हार्ट अटैक के बाद 40 मिनट की मशक्कत में लौटी धड़कन

याचिका में आरोप लगाया गया है कि मध्यप्रदेश पैरामेडिकल काउंसिल द्वारा शैक्षणिक सत्र 2023-24 और 2024-25 की मान्यता को पूर्व प्रभाव से वितरित किया गया है। इसके अलावा, सरकारी और निजी कॉलेज बिना मध्यप्रदेश मेडिकल यूनिवर्सिटी से संबद्धता प्राप्त किए हुए अवैध रूप से प्रवेश दे रहे हैं। यह भी बताया गया कि कई नर्सिंग और पैरामेडिकल कॉलेज एक ही भवन में संचालित किए जा रहे हैं।

आज की सुनवाई में पैरामेडिकल काउंसिल की ओर से जवाब पेश करते हुए कहा गया कि मान्यता की पूरी प्रक्रिया नियमों के अनुसार और सरकार की अनुमति से की गई है, इसलिए इस पर लगी रोक हटाई जाए। लेकिन हाईकोर्ट ने रोक हटाने से मना कर दिया और याचिकाकर्ता को काउंसिल के जवाब की जांच कर अपना प्रत्युत्तर पेश करने के लिए दो हफ्तों का समय दिया है।

हाईकोर्ट ने काउंसिल को निर्देश दिया है कि राज्यभर के सभी पैरामेडिकल कॉलेजों की मान्यता संबंधी आवेदन और निरीक्षण रिपोर्ट कोर्ट में तुरंत पेश की जाए।

नर्सिंग मामले में CBI ने हाईकोर्ट के आदेश में बदलाव की मांग करते हुए कहा कि उन्हें जांच की सभी रिकॉर्ड की स्कैन कॉपी याचिकाकर्ता को देने का निर्देश गलत है। याचिकाकर्ता ने इसका विरोध करते हुए बताया कि CBI ने दो बार जांच में मामले को सही पाया था, जबकि सेंडवा नर्सिंग कॉलेज बड़वानी को बिना निरीक्षण के मान्यता दी गई थी और कॉलेज ने फर्जी मार्कशीट के आधार पर यह मान्यता प्राप्त की।

यह भी पढ़िए – ग्वालियर के डबरा में स्कॉर्पियो चोरी मामले में चौंकाने वाला खुलासा, पुलिस कांस्टेबल निकला मास्टरमाइंड

कोर्ट ने CBI को निर्देश दिया कि वह अगली सुनवाई में जांच फाइल और जांच करने वाले अधिकारियों की सूची पेश करे। साथ ही कहा कि यदि रिकॉर्ड लाखों पन्नों का भी हो, तो उसकी स्कैन कॉपी याचिकाकर्ता को उपलब्ध कराई जाए। मामले की अगली सुनवाई 25 जुलाई को होगी।

Hot this week

हरिद्वार के मनसा देवी मंदिर में भगदड़, 6 श्रद्धालुओं की मौत, 35 घायल

हरिद्वार: सावन के पहले रविवार को मनसा देवी मंदिर...

Topics

हरिद्वार के मनसा देवी मंदिर में भगदड़, 6 श्रद्धालुओं की मौत, 35 घायल

हरिद्वार: सावन के पहले रविवार को मनसा देवी मंदिर...

Related Articles

Popular Categories

spot_imgspot_img