अब Savida Employee भी बोले बापू अब तन्ख्वाह में चैन आएगा, हर महीने 40,000 की झनझनाहट, ऊपर से 10% का बूस्टर डोज़ अगर आप Chartered Accountant (CA) या Certified Management Accountant (CMA) हैं और सरकारी नौकरी की तलाश में हैं, तो यह खबर आपके लिए किसी खुशखबरी से कम नहीं है। उत्तर प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (UPPCL) ने कॉन्ट्रैक्ट पर कर्मचारियों की भर्ती का ऐलान किया है, जिनका मानदेय ₹40,000 प्रति माह तय किया गया है। इसके साथ ही अब इन कर्मचारियों का मानदेय हर साल 10% बढ़ेगा।
कौन होंगे योग्य उम्मीदवार?
इस भर्ती के तहत Chartered Accountant और CMA पदों पर नियुक्तियाँ की जाएंगी। इस भर्ती की प्रक्रिया बिजली सेवा आयोग (Electricity Service Commission) के माध्यम से की जा रही है।
जिन उम्मीदवारों को ERP सिस्टम में कार्य करने का अनुभव है, उन्हें प्राथमिकता दी जाएगी।
साथ ही, 1 साल का अनुभव रखने वालों को भी चयन में वरीयता दी जाएगी।
उम्मीदवारों की बायोडाटा की जांच इंस्टिट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (ICAI) और इंस्टिट्यूट ऑफ कॉमर्स अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया की शाखाओं से की जाएगी।
एक साल का कॉन्ट्रैक्ट, 2 साल तक बढ़ाया जा सकता है
चयनित कर्मचारियों को पहले 1 साल के लिए नियुक्त किया जाएगा, जिसे जरूरत पड़ने पर 2 साल तक बढ़ाया जा सकता है। शुरुआत के 6 महीने ‘प्री-लुकआउट पीरियड’ होंगे, इस दौरान अगर प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा तो बिना किसी कारण बताए सेवा समाप्त की जा सकती है।
मानदेय में मिलेगा हर साल 10% इज़ाफा
शुरुआत में चयनित कर्मियों को ₹40,000 महीना मानदेय मिलेगा। अगर उनका प्रदर्शन संतोषजनक रहता है तो हर साल उनके मानदेय में 10% की बढ़ोतरी की जाएगी। यानी एक साल बाद उनका मानदेय ₹44,000 प्रति माह हो सकता है।
इंटरव्यू से होगा चयन, बनेगी कमेटी
अगर आवेदनकर्ताओं की संख्या पदों से ज्यादा होती है तो इंटरव्यू का आयोजन किया जाएगा। इसके लिए दो सदस्यीय इंटरव्यू कमेटी बनेगी, जो योग्य उम्मीदवारों का चयन करेगी।
नौकरी छोड़ने के लिए 1 महीने का नोटिस जरूरी
यदि कोई कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारी सेवा समाप्त करना चाहता है तो उसे 1 महीने पहले सूचना देनी होगी। वहीं विभाग भी किसी भी समय सेवा समाप्त कर सकता है, खासतौर पर अगर प्री-लुकआउट पीरियड के दौरान काम संतोषजनक नहीं हुआ।
विरोध भी शुरू
हालांकि, इस भर्ती को लेकर उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि एक तरफ आर्थिक तंगी का हवाला देकर पुराने मानदेय पर काम करने वाले ठेका कर्मियों की छंटनी की जा रही है, तो दूसरी ओर ₹40,000 मानदेय पर नई नियुक्तियाँ की जा रही हैं। उन्होंने विभागीय फैसलों की जांच की भी मांग की है, लेकिन फिलहाल इतना तय है कि चयनित कर्मियों को बढ़े हुए मानदेय के साथ नौकरी जरूर मिलेगी।