मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने साफ कर दिया है कि अब मध्यप्रदेश सरकार के सारे कामकाज डिजिटल प्लेटफॉर्म पर होंगे। इससे ना सिर्फ कामों में पारदर्शिता आएगी बल्कि आम जनता को सेवाओं का फायदा भी तेजी से और समय पर मिलेगा।
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पंचायत से मंत्रालय तक सब डिजिटल
डॉ. यादव ने बताया कि मंत्रालय स्तर पर यह प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और अब इसे गांव-गांव की पंचायतों तक पहुंचाया जाएगा। उन्होंने अफसरों को निर्देश दिए कि अब कोई भी सरकारी काम मैन्युअल ना किया जाए।
जल संरचनाओं की होगी सैटेलाइट मैपिंग
सीएम ने इंदौर में 27 अप्रैल को होने वाले आईटी कॉन्क्लेव की तैयारियों की समीक्षा के दौरान कहा कि प्रदेश की जल संरचनाओं की डिजिटल मैपिंग सैटेलाइट इमेजिंग से की जाएगी। इसके लिए दो अलग-अलग मौसमों की इमेज ली जाएंगी ताकि सही स्थिति का पता चल सके।
प्राचीन बावड़ियों का होगा संरक्षण
मुख्यमंत्री ने भोपाल, जबलपुर, सागर और उज्जैन की पुरानी बावड़ियों को संरक्षित करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही, स्कूलों में प्रार्थना सभाओं के दौरान बच्चों को जल स्रोतों के महत्व की जानकारी देने को कहा है ताकि बचपन से ही जल संरक्षण की समझ बन सके।
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अच्छा काम करने वाले जिलों को मिलेगा सम्मान
जल गंगा संरक्षण अभियान की समीक्षा में बताया गया कि बालाघाट जिले ने 561 फार्म पॉन्ड बनाकर सबसे अच्छा प्रदर्शन किया है, जबकि सिवनी जिले ने अमृत सरोवर निर्माण में बाजी मारी है।मुख्यमंत्री ने कहा कि वे खुद इन कार्यों का निरीक्षण करेंगे और बेहतर प्रदर्शन करने वाले जिलों को इनाम देंगे। उन्होंने ये भी बताया कि जल संरक्षण का काम अब मिशन मोड में किया जाएगा।