इंदौर की ऐतिहासिक धरोहर, अहिल्या बावड़ी, जो करीब 300 साल पहले लोकमाता अहिल्याबाई होलकर ने बनवाई थी, अब फिर से अपनी पुरानी रौनक में लौट आई है। ये बावड़ी लंबे समय से जर्जर हालत में थी, लेकिन अब इसका कायाकल्प हो गया है।
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एक करोड़ की लागत से हुआ कायाकल्प
इंदौर विकास प्राधिकरण (IDA) ने इस बावड़ी को संवारने में लगभग एक करोड़ रुपये खर्च किए हैं। अब यह जगह न केवल देखने लायक बन गई है, बल्कि पानी संग्रहण और भूजल रिचार्ज में भी मदद करेगी।
लोकमाता की मूर्ति और मंदिर का निर्माण
बावड़ी के पास लोकमाता अहिल्याबाई की प्रतिमा लगाई गई है और एक सुंदर मंदिर भी बनाया जा रहा है। इससे ये स्थान एक धार्मिक और सांस्कृतिक केंद्र के रूप में भी उभरेगा।
मुख्यमंत्री करेंगे लोकार्पण
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव रविवार को इस ऐतिहासिक स्थल का दौरा करेंगे और आम जनता को इसे समर्पित करेंगे। इसके साथ ही वे कनाड़िया तालाब की खुदाई में श्रमदान भी करेंगे।
कनाड़िया में नया हाउसिंग प्रोजेक्ट और बावड़ी
TPS-5 हाउसिंग स्कीम कनाड़िया बायपास के पास तैयार हो रही है, जिसमें एक पुरानी बावड़ी भी है। यह बावड़ी पहले गांव वालों के लिए जलस्रोत थी, जिसे अब फिर से संवारा जा रहा है।
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मंत्री सिलावट की पहल से शुरू हुआ काम
सितंबर में जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट कनाड़िया आए थे। जब उन्हें पता चला कि कुछ लोग इस ऐतिहासिक बावड़ी को मिट्टी से भरकर इस्तेमाल करना चाहते हैं, तो उन्होंने तुरंत रोक लगाई और IDA को जीर्णोद्धार का आदेश दिया। अब काम लगभग पूरा हो चुका है।