Bhopal Drugs Case: भोपाल के बगरौदा औद्योगिक क्षेत्र में अवैध ड्रग्स फैक्ट्री चलाने वाले मास्टरमाइंड के चौंकाने वाले खुलासों से पुलिस भी हैरान रह गई। मास्टरमाइंड हरीश अंजना और सनयाल बाने ने पहले पीथमपुर में फैक्ट्री लगाने की योजना बनाई थी, लेकिन केमिकल की सही जानकारी न होने के कारण वे वहां असफल रहे। इसके बाद भोपाल निवासी और केमिकल विशेषज्ञ अमित चतुर्वेदी को अपनी टीम में शामिल किया और भोपाल को ड्रग्स बनाने के लिए सुरक्षित जगह माना।
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पीथमपुर में नहीं बन पाई फैक्ट्री, भोपाल बना नया ठिकाना
पुलिस की पूछताछ में खुलासा हुआ है कि पहले पीथमपुर में ड्रग्स बनाने की फैक्ट्री लगाने की योजना बनाई गई थी। हरीश और सनयाल ने वहां फैक्ट्री भी खोज ली थी और ड्रग्स बनाने के लिए कच्चा माल भी मंगवा लिया था। हालांकि, केमिकल की जानकारी न होने की वजह से वे वहां सफल नहीं हो सके। इसके बाद उन्होंने अमित चतुर्वेदी, जो रसायन शास्त्र में एमएससी है, को अपने साथ जोड़ा और उसकी सलाह पर भोपाल के पास ड्रग्स बनाने का काम शुरू किया।
एनसीबी और एटीएस की संयुक्त कार्रवाई में हुआ बड़ा खुलासा
एनसीबी और गुजरात एटीएस ने संयुक्त रूप से छापा मारकर 1814 करोड़ रुपये की अवैध एमडी ड्रग्स जब्त की। इसके साथ ही तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस ने खुलासा किया है कि इस फैक्ट्री से न सिर्फ मध्य प्रदेश बल्कि अन्य राज्यों में भी ड्रग्स की तस्करी की जा रही थी।
तस्करी के लिए अपनाई थी नई तकनीक
पूछताछ के दौरान आरोपियों ने बताया कि उन्होंने इस साल मार्च में पहली खेप महाराष्ट्र और गुजरात भेजी थी, जिसे कूलर में छिपाकर सप्लाई किया गया था। इसके बाद दूसरी खेप डबल-डेकर वाहन में छिपाकर भेजी गई। तीसरी खेप तैयार थी और उसे जल्द ही सप्लाई करने की योजना थी, लेकिन इससे पहले ही पुलिस ने छापा मारकर इस बड़े ड्रग रैकेट का पर्दाफाश कर दिया।
पुलिस भी रह गई हैरान
हरीश और सनयाल के इन खुलासों से पुलिस भी हैरान रह गई है। जिस तरह से उन्होंने फैक्ट्री लगाने से लेकर ड्रग्स की तस्करी तक की पूरी योजना बनाई थी, वह पुलिस के लिए चौंकाने वाला था। अब पुलिस आरोपियों से और भी जानकारी जुटा रही है ताकि ड्रग्स तस्करी के इस नेटवर्क का पूरा खुलासा किया जा सके।