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मोहन यादव सरकार ने बदले रजिस्ट्री के नियम, आज से गवाहों की जरूरत नहीं CM संपदा 2.0 लागू

MP News: मध्य प्रदेश में संपदा 2.0 सॉफ्टवेयर के माध्यम से गुरुवार से रजिस्ट्री की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस नई व्यवस्था की शुरुआत की है। इस सॉफ्टवेयर के लॉन्च के अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि अब नागरिक कहीं से भी अपनी संपत्ति की रजिस्ट्री कर सकेंगे।

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ई-रजिस्ट्रेशन और ई-स्टैंपिंग की सौगात

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘Ease of Living’ के लक्ष्य को पूरा करने और भ्रष्टाचार-मुक्त व्यवस्था बनाने के उद्देश्य से राज्य सरकार ने नागरिकों को ई-रजिस्ट्रेशन और ई-स्टैंपिंग की सुविधा दी है। अब रजिस्ट्री की पूरी प्रक्रिया डिजिटल हो गई है, जिससे कुछ दस्तावेजों के लिए गवाहों की आवश्यकता नहीं होगी। इसके अलावा, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से रजिस्ट्रार से बातचीत की सुविधा भी दी गई है, साथ ही व्यक्ति की पहचान के लिए वीडियो KYC की व्यवस्था भी की गई है।

संपदा 2.0 सॉफ्टवेयर के फायदे

अब जो लोग मकान, दुकान या जमीन खरीदते हैं, वे रजिस्ट्री को किसी भी ऑनलाइन पोर्टल, कियोस्क, सेवा प्रदाता या राज्य से बाहर या विदेश में रहते हुए भी कर सकेंगे। संपदा 2.0 सॉफ्टवेयर में व्यक्ति खुद ही अपने दस्तावेज़ ऑनलाइन जमा कर सकेगा। दस्तावेज़ पोर्टल से लिखे जाएंगे और वहीं से भेजे जाएंगे। आधार और पैन कार्ड के माध्यम से दोनों पक्षों की पहचान की जाएगी। eKYC के माध्यम से पहचान सुनिश्चित होगी। संपत्ति की पहचान जियो टैगिंग के जरिए की जाएगी और उसी के आधार पर प्रॉपर्टी वैल्यूएशन और स्टैंप ड्यूटी निर्धारित होगी रजिस्ट्री के बाद, दोनों पक्षों को रजिस्ट्री के दस्तावेज़ ईमेल या व्हाट्सएप पर प्राप्त होंगे। नई व्यवस्था में गवाहों की आवश्यकता नहीं होगी और दस्तावेज़ डिजिटल और ई-साइन के आधार पर वैध माने जाएंगे।

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ई-स्टैम्पिंग की सुविधा

नए सॉफ्टवेयर में किसी भी व्यक्ति को अपने मोबाइल या कंप्यूटर से ई-स्टैम्पिंग करने की सुविधा होगी, जिससे स्टैंप खरीदने की प्रक्रिया और भी सरल हो जाएगी। दस्तावेज़ की ई-कॉपी DG लॉकर, व्हाट्सएप और ईमेल के माध्यम से प्राप्त होगी, और व्यक्ति की पहचान बायोमेट्रिक्स से सुनिश्चित की जाएगी।

पायलट प्रोजेक्ट की सफलता

इस सॉफ्टवेयर को पूरे राज्य में लागू करने से पहले, गुना, रतलाम, हरदा, और डिंडोरी जिलों में इसका पायलट प्रोजेक्ट चलाया गया था। यहाँ पर रजिस्ट्रार ऑफिस और जनता द्वारा झेली जा रही समस्याओं को सॉफ्टवेयर में सुधार करके हल किया गया। पायलट प्रोजेक्ट के दौरान लोगों ने इसे खूब सराहा और अब मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव इसे पूरे राज्य के 55 जिलों में लागू कर रहे हैं।

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