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ग्रेपलिंग कुश्ती में देश का मान बढ़ाएगी हरदा की बेटी वेदांश गौर,रूस में भारत का प्रतिनिधित्व करेगी हरदा की लाड़ली

मदन गौर हरदा: हरदा जिले के छोटे से गांव मगरधा की बेटी वेदांश गौर ने अपनी मेहनत और लगन से न केवल जिले का बल्कि प्रदेश का भी मान बढ़ाया है। वेदांश ने उत्तराखंड के हरिद्वार में आयोजित ग्रेपलिंग कुश्ती नेशनल प्रतियोगिता में मध्य प्रदेश का प्रतिनिधित्व करते हुए सिल्वर मेडल जीता। इस उपलब्धि के दम पर वेदांश का चयन अब रूस में होने वाली अंतर्राष्ट्रीय ग्रेपलिंग कुश्ती प्रतियोगिता के लिए हुआ है, जहां वह भारत का प्रतिनिधित्व करेंगी।

वेदांश गौर हरदा जिले के एक साधारण किसान परिवार से हैं। वह सेवानिवृत्त हवलदार रामप्रसाद गौर और गौरीशंकर गौर की पोती हैं और डब्बू पहलवान के नाम से प्रसिद्ध संजीव कुमार गौर की पुत्री हैं। खेल में आगे बढ़ने का जज्बा और परिवार से मिले संस्कारों ने वेदांश को इस मुकाम तक पहुंचाया। उन्होंने अपनी मेहनत और कुश्ती में दिखाए गए कौशल के दम पर यह सफलता अर्जित की है।

ग्रेपलिंग कुश्ती में वेदांश की खासियत

ग्रेपलिंग कुश्ती एक विशेष प्रकार का खेल है, जिसमें तकनीक और शक्ति का संतुलन आवश्यक होता है। वेदांश ने हरिद्वार में आयोजित प्रतियोगिता में अपने कुशल प्रदर्शन से यह साबित कर दिया कि उनके पास न केवल शक्ति बल्कि एक बेहतरीन तकनीक भी है। इस खेल के प्रति उनकी लगन और समर्पण ने उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर सिल्वर मेडल जिताया और अब अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर देश का प्रतिनिधित्व करने का अवसर दिया।

हरदा जिले की शान, भारत का गौरव

वेदांश गौर ने दिखाया है कि यदि इरादे मजबूत हों और मेहनत सच्ची हो, तो कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं है। हरदा जिले की यह लाड़ली रूस में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय ग्रेपलिंग प्रतियोगिता में भाग लेकर न केवल अपने परिवार और जिले का बल्कि पूरे भारत का नाम रोशन करेगी। वेदांश की यह उपलब्धि न केवल युवाओं के लिए प्रेरणा है, बल्कि यह साबित करती है कि छोटे गांवों में भी बड़े सपने सच हो सकते हैं।

ग्रेपलिंग कुश्ती में देश का मान बढ़ाएगी हरदा की बेटी वेदांश गौर,रूस में भारत का प्रतिनिधित्व करेगी हरदा की लाड़ली

मदन गौर हरदा: हरदा जिले के छोटे से गांव मगरधा की बेटी वेदांश गौर ने अपनी मेहनत और लगन से न केवल जिले का बल्कि प्रदेश का भी मान बढ़ाया है। वेदांश ने उत्तराखंड के हरिद्वार में आयोजित ग्रेपलिंग कुश्ती नेशनल प्रतियोगिता में मध्य प्रदेश का प्रतिनिधित्व करते हुए सिल्वर मेडल जीता। इस उपलब्धि के दम पर वेदांश का चयन अब रूस में होने वाली अंतर्राष्ट्रीय ग्रेपलिंग कुश्ती प्रतियोगिता के लिए हुआ है, जहां वह भारत का प्रतिनिधित्व करेंगी।

वेदांश गौर हरदा जिले के एक साधारण किसान परिवार से हैं। वह सेवानिवृत्त हवलदार रामप्रसाद गौर और गौरीशंकर गौर की पोती हैं और डब्बू पहलवान के नाम से प्रसिद्ध संजीव कुमार गौर की पुत्री हैं। खेल में आगे बढ़ने का जज्बा और परिवार से मिले संस्कारों ने वेदांश को इस मुकाम तक पहुंचाया। उन्होंने अपनी मेहनत और कुश्ती में दिखाए गए कौशल के दम पर यह सफलता अर्जित की है।

ग्रेपलिंग कुश्ती में वेदांश की खासियत

ग्रेपलिंग कुश्ती एक विशेष प्रकार का खेल है, जिसमें तकनीक और शक्ति का संतुलन आवश्यक होता है। वेदांश ने हरिद्वार में आयोजित प्रतियोगिता में अपने कुशल प्रदर्शन से यह साबित कर दिया कि उनके पास न केवल शक्ति बल्कि एक बेहतरीन तकनीक भी है। इस खेल के प्रति उनकी लगन और समर्पण ने उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर सिल्वर मेडल जिताया और अब अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर देश का प्रतिनिधित्व करने का अवसर दिया।

हरदा जिले की शान, भारत का गौरव

वेदांश गौर ने दिखाया है कि यदि इरादे मजबूत हों और मेहनत सच्ची हो, तो कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं है। हरदा जिले की यह लाड़ली रूस में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय ग्रेपलिंग प्रतियोगिता में भाग लेकर न केवल अपने परिवार और जिले का बल्कि पूरे भारत का नाम रोशन करेगी। वेदांश की यह उपलब्धि न केवल युवाओं के लिए प्रेरणा है, बल्कि यह साबित करती है कि छोटे गांवों में भी बड़े सपने सच हो सकते हैं।

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