3050 करोड़ की लागत से बन रही है MP की नई रेललाइन, जानिए कब दौड़ेगी पहली ट्रेन भोपाल से रामगंज मंडी तक बन रही रेल लाइन की रफ्तार जमीन अधिग्रहण की अड़चनों के कारण थम गई है। खासतौर पर नरसिंहपुर के बारोदिया तालाब के विवाद ने परियोजना को अटका दिया है। वहीं, कुरावर के पास स्थित तुर्कीपुरा गांव के किसानों को तो मनाया गया, लेकिन 2017 में अधिग्रहित की गई जमीन का मुआवजा अब तक नहीं मिला है, जिससे किसान नाराज़ हैं।
रेलवे की मुआवजा नीति से नाराज़ हैं किसान
रेलवे द्वारा की जा रही भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया में किसानों को उचित मुआवजा नहीं मिल रहा है, यही कारण है कि मामला कोर्ट तक पहुंच गया है। किसान चाहते हैं कि उन्हें बाजार मूल्य के अनुसार मुआवजा दिया जाए, जबकि प्रशासन का कहना है कि नई गाइडलाइन के तहत सभी प्रक्रियाएं ऑनलाइन हैं और किसी प्रकार की छेड़छाड़ संभव नहीं है। इसी विवाद के चलते रेल लाइन प्रोजेक्ट की रफ्तार थमी हुई है, जबकि रेलवे अधिकारी साइट पर मौजूद हैं, परंतु कानूनी अड़चनों के चलते काम शुरू नहीं हो पा रहा।
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यह प्रोजेक्ट प्रधानमंत्री की फास्ट ट्रैक योजनाओं में शामिल है और इसकी लागत लगभग ₹3,050 करोड़ है। आर्थिक रूप से कोई अड़चन नहीं है क्योंकि बजट में पूरी राशि जारी हो चुकी है। राजस्थान हिस्से में काम पूरा हो चुका है और मध्यप्रदेश में नयागांव से खिलचीपुर तक ट्रैक बिछाने का काम भी पूरा हो गया है। रेलवे अधिकारी नवल अग्रवाल ने बताया कि जहां समस्याएं हैं, उन्हें जल्द सुलझाया जाएगा और कार्य फिर से शुरू किया जाएगा।