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15 दिन में चालान पहुंच रहा सीधे कोर्ट, SMS और नंबर गड़बड़ी से भरने में आ रही परेशानियां

स्मार्ट सिटी वाले नौ महीने पहले नेशनल इंफॉर्मेटिक्स सेंटर (NIC) से अपना इंटेलिजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (ITMS) जोड़े थे। लेकिन भैया, अभी तक चालान का सिस्टम इतना टेढ़ा है कि आम आदमी फाइन भरने में परेशान हो रहा है।

एक बार चालान कट गया, तो समझो किसी बड़े ज्ञानी आदमी को ही पता होगा कि पैसा कहाँ जमा करना है। लोगों को चालान की खबर भी सिर्फ SMS से मिल रही है, और कई लोगों को तो वो भी नहीं आता।

यह भी पढ़िए :- मध्यप्रदेश का यह बड़ा बैंक हुआ सील, ग्राहकों में मचा हड़कंप, जाने मुख्य वजह

चालान सीधे कोर्ट में!

यही वजह है कि अब 15 दिन बाद सीधे बल्क में चालान कोर्ट भेज दिए जाते हैं। और फिर क्या? 500 रुपये के चालान के लिए कोर्ट में 1500 रुपये भरने पड़ रहे हैं! सारा बोझ गरीब जनता पर पड़ रहा है। ITMS को NIC से जोड़े हुए तो जुलाई 8, 2024 हो गया।

लिंक होने के बाद से एक लाख से ज़्यादा गाड़ियों के चालान कट चुके हैं, जिनका टोटल अमाउंट चार करोड़ 78 लाख से भी ज़्यादा है। लेकिन सिस्टम इतना झमेले वाला है कि सिर्फ 4373 लोग ही 24 लाख 35 हज़ार रुपये जमा कर पाए हैं।

OTP का चक्कर और मोबाइल नंबर का लफड़ा!

अब ऑनलाइन चालान भरने जाओ, तो OTP का चक्कर। और कई लोगों के तो गाड़ी रजिस्ट्रेशन के टाइम पर मोबाइल नंबर ही गलत डला है। पहले तो ये ज़रूरी नहीं था, तो एजेंट कुछ भी नंबर भर देते थे। अब चालान कट रहा है, लेकिन लोगों को खबर ही नहीं लग रही।

NIC से SMS आता भी है, तो कई बार लोग ध्यान नहीं देते और फिर चालान कोर्ट पहुँच जाता है, जहाँ फाइन बढ़ता ही जाता है। और अगर ज़्यादा दिन तक चालान नहीं भरा, तो कानूनी कार्रवाई का भी डर है।

ITMS वालों ने भी NIC को ये सब दिक्कतें बताई हैं और सिस्टम को आसान बनाने के लिए सुझाव भेजे हैं। NIC के बड़े अफसरों को भी सब पता है, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही। ड्राइवर लोग चालान कटवा के कोर्ट के चक्कर काट रहे हैं।

यह भी पढ़िए :- भोपाल में बिजली का झटका! अप्रैल में जेब ढीली करेंगे 25 लाख ग्राहक, ₹412 बढ़कर आएगा बिल

ये हैं मेन परेशानियाँ:

  • नया सिस्टम है कि 15 दिन में चालान सीधा कोर्ट।
  • कोर्ट पहुँच गया तो रोज़ पेनल्टी लगती है।
  • कोर्ट पहुँच गया तो वहीं भरना पड़ेगा।
  • हेलमेट का 300 का चालान कोर्ट में 1000।
  • लाल बत्ती जंप का 500 का चालान कोर्ट में 1500।
  • ऑनलाइन भरने में OTP का झंझट, कम लोग भर पाते हैं।
  • कई बार ऑनलाइन पैसा फंस जाता है।

NIC वाले कह रहे हैं कि सिस्टम सरकारी गाइडलाइन के हिसाब से चल रहा है और SMS सबको जाता है। चालान भी टाइम निकलने के बाद ही कोर्ट जाता है। ITMS से कुछ सुझाव मिले हैं, जिन पर विचार कर रहे हैं।

Ankush Baraskar

मेरा नाम अंकुश बारस्कर है मैं लगातार 2 वर्षो से डिजिटल मीडिया में कार्य कर रहा हूँ। pradeshtak.com के साथ मैं पिछले 1 वर्ष से जुड़ा हूँ. खेती और देश की मुख्य खबरों में मेरी विशेष रूचि है. देश की हर खबर सबसे पहले पाने के लिए pradeshtak.com के साथ जुड़े रहे।

15 दिन में चालान पहुंच रहा सीधे कोर्ट, SMS और नंबर गड़बड़ी से भरने में आ रही परेशानियां

स्मार्ट सिटी वाले नौ महीने पहले नेशनल इंफॉर्मेटिक्स सेंटर (NIC) से अपना इंटेलिजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (ITMS) जोड़े थे। लेकिन भैया, अभी तक चालान का सिस्टम इतना टेढ़ा है कि आम आदमी फाइन भरने में परेशान हो रहा है।

एक बार चालान कट गया, तो समझो किसी बड़े ज्ञानी आदमी को ही पता होगा कि पैसा कहाँ जमा करना है। लोगों को चालान की खबर भी सिर्फ SMS से मिल रही है, और कई लोगों को तो वो भी नहीं आता।

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चालान सीधे कोर्ट में!

यही वजह है कि अब 15 दिन बाद सीधे बल्क में चालान कोर्ट भेज दिए जाते हैं। और फिर क्या? 500 रुपये के चालान के लिए कोर्ट में 1500 रुपये भरने पड़ रहे हैं! सारा बोझ गरीब जनता पर पड़ रहा है। ITMS को NIC से जोड़े हुए तो जुलाई 8, 2024 हो गया।

लिंक होने के बाद से एक लाख से ज़्यादा गाड़ियों के चालान कट चुके हैं, जिनका टोटल अमाउंट चार करोड़ 78 लाख से भी ज़्यादा है। लेकिन सिस्टम इतना झमेले वाला है कि सिर्फ 4373 लोग ही 24 लाख 35 हज़ार रुपये जमा कर पाए हैं।

OTP का चक्कर और मोबाइल नंबर का लफड़ा!

अब ऑनलाइन चालान भरने जाओ, तो OTP का चक्कर। और कई लोगों के तो गाड़ी रजिस्ट्रेशन के टाइम पर मोबाइल नंबर ही गलत डला है। पहले तो ये ज़रूरी नहीं था, तो एजेंट कुछ भी नंबर भर देते थे। अब चालान कट रहा है, लेकिन लोगों को खबर ही नहीं लग रही।

NIC से SMS आता भी है, तो कई बार लोग ध्यान नहीं देते और फिर चालान कोर्ट पहुँच जाता है, जहाँ फाइन बढ़ता ही जाता है। और अगर ज़्यादा दिन तक चालान नहीं भरा, तो कानूनी कार्रवाई का भी डर है।

ITMS वालों ने भी NIC को ये सब दिक्कतें बताई हैं और सिस्टम को आसान बनाने के लिए सुझाव भेजे हैं। NIC के बड़े अफसरों को भी सब पता है, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही। ड्राइवर लोग चालान कटवा के कोर्ट के चक्कर काट रहे हैं।

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ये हैं मेन परेशानियाँ:

  • नया सिस्टम है कि 15 दिन में चालान सीधा कोर्ट।
  • कोर्ट पहुँच गया तो रोज़ पेनल्टी लगती है।
  • कोर्ट पहुँच गया तो वहीं भरना पड़ेगा।
  • हेलमेट का 300 का चालान कोर्ट में 1000।
  • लाल बत्ती जंप का 500 का चालान कोर्ट में 1500।
  • ऑनलाइन भरने में OTP का झंझट, कम लोग भर पाते हैं।
  • कई बार ऑनलाइन पैसा फंस जाता है।

NIC वाले कह रहे हैं कि सिस्टम सरकारी गाइडलाइन के हिसाब से चल रहा है और SMS सबको जाता है। चालान भी टाइम निकलने के बाद ही कोर्ट जाता है। ITMS से कुछ सुझाव मिले हैं, जिन पर विचार कर रहे हैं।

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